नई दिल्ली: एनडीए संसदीय दल की मीटिंग में नरेंद्र मोदी औपचारिक तौर पर एनडीए संसदीय दल के नेता चुने गए। इस दौरान एनडीए के घटक दलों ने एकजुटता का संदेश भी दिया। मोदी ने गठबंधन साथियों को यह कहकर आश्वस्त किया कि बीजेपी ने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है। बीजेपी लगातार इस बात को दोहरा रही है कि 60 साल बाद इतिहास बना है। हर नेता की तरफ से कई बार कहा गया कि 1962 के बाद पहली बार कोई नेता तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहा है। यानी नेहरू के बाद पहली बार रिकॉर्ड बन रहा है। नतीजों के दिन भी नरेंद्र मोदी ने जब बीजेपी हेडक्वॉर्टर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के संबोधित किया था, तब भी ‘1962 के बाद पहली बार’ का जिक्र किया था।
1. एकसाथ एकजुट होने का संदेश
एनडीए संसदीय दल की मीटिंग में और उससे पहले भी सभी घटक दलों ने एकसाथ और एकुजट होने का संदेश देने की कोशिश की। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सब एक साथ हैं और किसी भी बात को लेकर कोई दुविधा नहीं है। भले ही एनडीए के लगभग सभी सहयोगी दल सरकार में अपनी अहम भूमिका चाहते हैं लेकिन एनडीए संसदीय दल की मीटिंग से पहले किसी भी दल के नेता या सांसद ने खुलकर कुछ नहीं कहा। लगभग सभी दलों ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी को समर्थन दे रहे हैं। राजनाथ सिंह ने अटल बिहारी बाजपेयी के दौर की याद दिलाई और कहा कि बीजेपी हमेशा गठबंधन धर्म का पालन करती है और यह बीजेपी की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन हमारे लिए मजबूरी नहीं हमारे लिए कमिटमेंट है।
2. राजनाथ सिंह ने रखा नाम का प्रस्ताव
एनडीए संसदीय दल की बैठक में राजनाथ सिंह ने एनडीए संसदीय दल के नेता पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। राजनाथ ने कहा कि 1962 के बाद पहली बार कोई नेता लगातार तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि मोदी जैसे जनकल्याणकारी और संवेदनशील प्रधानमंत्री हमें मिलने जा रहा है। राजनाथ ने कहा कि पार्टी के संसदीय दल के नेता, एनडीए के संसदीय दल के नेता और लोकसभा के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखता हूं। इसके बाद अमित शाह ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। नितिन गडकरी ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी, टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, जेडीयू नेता नीतीश कुमार सहित सभी सहयोगी दलों के नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
3. सबने कहा- पांच साल चलेगी सरकार
अमित शाह ने जब नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया तो कहा कि हर तरफ से यह आवाज आई है कि नरेंद्र मोदी अगले पांच साल के लिए देश का नेतृत्व करें। बीजेपी नेता और सहयोगी दल के नेता भी इस बात को लगातार कह रहे हैं कि सरकार पांच साल चलेगी। दरअसल नतीजों के दिन से इंडी गठबंधन के नेताओं की तरफ से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कहा जा रहा है कि ये सरकार नहीं बनेगी या फिर बनी भी तो कार्यकाल पूरा नहीं करेगी।
4. नायडू बोले- एनटीआर के विजन को पूरा कर रहे मोदी
दूसरी तरफ बीजेपी के सहयोगी दल एकजुटता दिखा रहे हैं और लगातार मोदी की तारीफ कर रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू ने मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि पीएम ने कभी आराम नहीं लिया। आंध्र प्रदेश में भी लगातार काम किया और उन्होंने वहां जो रैली की उसका बहुत बड़ा योगदान है आंध्र प्रदेश में हमारी जीत में। नायडू ने अमित शाह सहित दूसरे मंत्रियों का भी आंध्र प्रदेश में प्रचार करने के लिए धन्यवाद दिया। नायडू ने मोदी के विजन 2047 का भी जिक्र किया और कहा कि हमें विजन पर पूरा भरोसा है और यह पूरा होगा। नायडू ने कहा कि एनटीआर के विजन को नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं।
5. नीतीश ने साधा विपक्ष पर निशाना
जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी ने 10 साल देश की सेवा की और पूरा भरोसा है जो कुछ बचा है वह भी यह पूरा कर देंगे। हम पूरे तौर पर इनके साथ रहेंगे। नीतीश ने कहा- जब अगली बार आइएगा तो जो इधर उधर जो ये लोग जीत गए हैं (विपक्ष के लोग) वे भी हारेंगे। नीतीश ने विपक्ष पर निशाना साधा कि ये लोग बिना मतलब की बात करते हैं और उन्होंने आज तक जनता की कोई सेवा नहीं की। नीतीश ने मोदी से कहा कि आपने इतनी सेवा की है तो इस तरह से हुआ है। ये मौका मिला है इसके बाद उन लोगों के लिए (विपक्ष) कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। देश आगे बढ़ेगा और बिहार का भी काम हो जाएगा। एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष ने झूठे नैरेटिव फैलाकर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश की और उन्हें देश ने नकारा है। चिराग पासवान ने कहा कि मोदी की वजह से ही एनडीए को जीत मिली।
6. सर्वमत की होगी कोशिश
मोदी ने एनडीए सांसदो को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में प्रीपोल अलायंस इतना सफल कभी नहीं हुआ जितना एनडीए हुआ। ये गठबंधन की विजय है, हमने बहुमत हासिल किया है। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी होता है। देशवासियों को भरोसा कि हम सर्वमत का निरतंर प्रयास करेंगे और देश को आगे ले जाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। एनडीए को तीन दशक हो गए हैं यह यात्रा बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। मोदी ने कहा कि इस अलायंस ने पांच पांच साल के तीन टर्म सफलतापूर्वक पूरे किए हैं और अलाइंस चौथे टर्म में एंटर कर रहा है। मोदी ने प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे, जॉर्ज फर्नाडिस, शरद यादव का भी जिक्र किया और कहा इन्होंने जो बीज बोया था वह वटवृक्ष बन गया है।
7. चुनावी बयान नहीं था कमिटमेंट है: मोदी
मोदी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि 10 साल जो काम किया था वह ट्रेलर है। ये चुनावी बयान नहीं था कमिटमेंट है। हम और तेजी से काम करेंगे। हम पहले से ज्यादा डिलीवर करेंगे। मोदी ने कहा – एन डी ए – न्यू इंडिया, डिवेलप इंडिया, एस्पिरेशनल इंडिया । यह हमारा संकल्प है और हमारे पास रोडमैप भी है। मोदी ने कहा कि एनडीए ने करप्शन फ्री और रीफॉर्म ओरिएंटेड सरकार दी है। जबकि यूपीए ने जो अब नाम बदलकर आए हैं, उनकी पहचान घोटाले हैं। नाम बदलने के बाद भी देश उनके घोटाले को नहीं भूला है और उन्हें नकारा है। इंडी गठबंधन वालों ने एक व्यक्ति का विरोध का अजेंडा लेकर चले जनता ने उन्हें ही अपोजिशन में बैठा दिया। मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में जो जनता और सरकार के बीच की खाई थी वह हमने 10 सालों में पाटा। एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में गुड गर्वनेंस, विकास, क्वॉलिटी ऑफ लाइफ, लोगों के जीवन में सरकार की दखल कम करने पर काम होगा। मोदी ने कहा कि हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों को तीन करोड़ नए घर सहित हम अपनी सभी गारंटियों के प्रति कमिटेड हैं। मध्यम वर्ग को सुविधा का ध्यान रखेंगे। उनकी सेविंग कैसे बढ़े, उनके जीवन में सुधार कैसे हो उस पर भी काम होगा। नारी शक्ति वंदन कानून का जिक्र किया और कहा कि आने वाले वक्त में ज्यादा महिलाएं दिखाई देंगी।
8. मोदी ने कहा मेरे लिए सब बराबर
किसी भी दल का कोई जनप्रतिनिधि होगा मेरे लिए सब बराबर हैं। जब में सबका प्रयास की बात करता हूं की सदन में भी सभी सांसद बराबर हैं। इसी भाव से एनडीए अलायंस 30 साल से मजबूती से आगे बढ़ा है। अपना पराया नहीं देखा सबको गले लगाने में हमने कोई कमी नहीं रखी। मोदी ने कहा कि जब 2019 में जब मैं इस सदन पर बोल रहा था तब एक बात पर जोर दिया था- विश्वास। आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व देते हैं इसका मतलब है कि हम दोनों के बीच विश्वास का सेतु मजबूत है। ये अटूट रिश्ता विश्वास की मजबूत धरातल पर है। ये सबसे बड़ी पूंजी होता है। उन्होंने कहा कि 22 राज्यों में सरकार एनडीए की। हमारा अलायंस सही अर्थों में भारत की आत्मा में जो रचाबसा है उसका प्रतिबिंब है। 10 ऐसे राज्य जहां आदिवासियों की आबादी ज्यादा है, उन में से 7 राज्यों में एनडीए सेवा कर रहा है।
9. राहुल गांधी पर करारा प्रहार
उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि हम न हारे थे न हारे हैं। हमारा व्यवहार बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं। हम विजय में उन्माद नहीं फैलाते न ही पराजित लोगों का उपहास करते हैं ये हमारे संस्कार हैं। मोदी ने कहा कि पहले भी एनडीए थी, आज भी एनडीए है और आगे भी एनडीए रहेगी। कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि दस साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े पर नहीं पहुंची है। 2014, 2019 और 2024 को जोड़कर उन्हें जितनी सीटें मिली हैं, उससे ज्यादा हमें सिर्फ इस चुनाव में मिली है। मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन वाले पहले धीरे धीरे डूब रहे थे अब तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं। मोदी ने कहा कि मुझे लगता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे लेकिन उनमें संस्कार आने में अभी और वक्त लगेगा। ये वे हैं जो अपने पीएम का बयान फाड़ देते हैं। मोदी ने कहा कि दक्षिण भारत में एनडीए ने नई राजनीति की नींव मजबूत की है। अभी अभी तो इनकी (विपक्ष) सरकार बनी थी, कर्नाटक, तेलंगाना में पर लोगों का विश्वास इनसे टूट गया और फिर एनडीए को गले लगा दिया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में भले सीट न आई हो पर वोट शेयर बढ़ा है वह भविष्य का संकेत दे रहा है। केरल में जम्मू कश्मीर से भी ज्यादा जुल्म किया है एलडीएफ-यूडीएफ ने। आज पहली बार संसद में केरल से हमारा प्रतिनिधि जीत कर आया है। उड़ीसा का भी जिक्र किया।
10. ईवीएम को लेकर विपक्ष पर तंज
मोदी ने कहा कि नतीजों के दिन मैंने पूछा कि ईवीएम जिंदा है या मर गया। ये लोग (विपक्ष) लगातार ईवीएम को गाली दे रहे थे। मुझे लगा कि इस बार वह ईवीएम की अर्थी निकालेंगे। लेकिन 4 जून को उनके मुंह पर ताले लग गए और ये ताकत है भारत के लोकतंत्र की। उन्होंने कहा कि अब पांच साल ईवीएम का जिक्र नहीं होगा। जब 2029 में चुनाव होंगे तो शायद फिर ये ईवीएम का जिक्र करने लगेंगे। मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग के काम पर दखल आए इसलिए ये हर दिन सुप्रीम कोर्ट जा रहे थे। ये लोग कितनी निराशा लेकर मैदान में आए थे ताकि दुनिया के सामने भारत को बदनाम करें और इसके लिए देश उन्हें माफ नहीं करेगा। मोदी ने कहा कि मैं दुनिया में भारत की डेमोक्रेसी का ढोल पीट रहा हूं, ये जाकर कहते हैं कि डेमोक्रेसी नहीं है। नतीजों से पहले विपक्ष ने देश को हिंसा में झोंकने का माहौल बनाने की कोशिश की, उस तरह के बयान दिए। देश के लोगों को बांटना का प्रयास किया।