हरिद्वार l नैनीताल हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में फंसे ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौड़ को बड़ी राहत दी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने विधायक को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को भी 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में बताया गया कि पीड़िता और अन्य 3 साथी विधायक को ब्लैकमेल करने के बाद जेल गए थे, जो अभी जमानत पर हैं। सरकार ने कहा कि पीड़िता ने जेल से बाहर आने के बाद विधायक के खिलाफ दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों मामले में जांच चल रही है।
बता दें कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह ने बहस करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाली महिला ब्लेकमेलिंग मामले में जेल जा चुकी है। महिला की तहरीर में न तो घटना की तिथि और न ही समय का उल्लेख किया गया है। सिर्फ ढाई साल पहले की घटना बताई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के भजन लाल बनाम राज्य के केस का हवाला दिया। कहा कि महिला ने बदले की भावना के तहत जेल से बाहर आने के बाद दुराचार का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है।
सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ में सरकार की ओर से बताया कि महिला व उनके तीन साथी विधायक को ब्लेकमेल करने के मामले में जेल जा चुके हैं और अभी जमानत पर हैं। महिला द्वारा दर्ज कराए मुकदमे की भी जांच चल रही है। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद विधायक को बड़ी राहत दी और भाजपा विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
खबर इनपुट एजेंसी से