मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों को आज से शुरू हो रहे महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के लिए दो अलग-अलग दिशा-निर्देश मिले हैं. अजित पवार ने विधायकों से कहा है कि वे बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के साथ बैठें. जबकि एनसीपी के चीफ व्हिप जितेंद्र अव्हाड ने विधायकों से विपक्ष की कुर्सियों पर बैठने को कहा है.
जितेंद्र अव्हाड ने विधानसभा स्पीकर से अनुरोध किया है कि वे 9 बागी विधायकों और बाकी एमएलए को एक साथ बैठने न दें. जितेंद्र अव्हाड ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘शपथ लेने वाले 9 विधायकों के अलावा बाकी विधायकों को अलग बैठाया जाना चाहिए. एनसीपी विपक्ष में है और हम वहीं बैठना चाहते हैं.’
नार्वेकर बोले- अंतर पता नहीं चल रहा
नार्वेकर ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मामले में कौन सत्ता में है और कौन नहीं, इसके बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं है. उन्होंने कहा था, ‘इस बात पर बहुत विचार-विमर्श और बहस होगी कि यह कैसे तय किया जाए कि वास्तविक एनसीपी का प्रतिनिधित्व कौन करता है.’
शरद पवार से की थी बगावत
इस महीने की शुरुआत में चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अजित पवार ने नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा देकर कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. रविवार को अजित पवार ने वफादार एनसीपी नेताओं के साथ अपने आवास देवगिरी बंगले पर बैठक की थी. इसके बाद उन्होंने वाईबी चव्हाण सेंटर में शरद पवार से मुलाकात की थी.
मॉनसून सत्र से पहले विपक्षी दलों के साथ बैठक में शामिल हुए जयंत पाटिल को भी सुप्रिया सुले ने वाईबी चौहान सेंटर में बुलाया था.गौरतलब है कि प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे समेत शपथ लेने वाले अन्य 9 विधायक भी इस बैठक में मौजूद थे. जबकि शरद पवार, सुप्रिया सुले, जितेंद्र अव्हाड और जयंत पाटिल ने भी इस बैठक में शिरकत की. 12 जुलाई को शरद पवार से बगावत करने के बाद अजित पवार की अगुआई वाले गुट की यह पहली बैठक थी.