नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा में अब काफी कम समय बाकी रह गया है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। इस बीच बिहार में चिराग पासवान की पार्टी को लेकर अब तक संशय बना हुआ है। चिराग पासवान अब तक भाजपा का सहयोग कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की ओर से भी उन्हें पेशकश की जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह बेहतर पेशकश करने वाले के साथ जा सकते हैं।
चिराग ने दिया बड़ा संकेत
बिहार के साहेबगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग ने कहा कि मैं यहां संवाददाताओं की भीड़ देख सकता हूं, जो यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि चिराग पासवान किसके साथ रहेंगे। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर पार्टी, हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके साथ रहें।
बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट से लोग प्रभावित
चिराग पासवान ने दावा किया है कि हर पार्टी उनके साथ गठबंधन करना चाहती है क्योंकि लोग उनके ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के उस दृष्टिकोण से प्रभावित हैं, जो राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहता है। चिराग पासवान ने अपने भाषण में खुद को शेर का बेटा बताते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी होने के दावे का भी प्रयास किया।
क्यों हो रहा विवाद?
लोजपा ने साल 2019 में लोकसभा की छह सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन सभी पर जीत हासिल की थी। हालांकि, कुछ सालों बाद ही उनकी पार्टी में फुट पड़ गई। इसके बाद चिराग के चाचा पशुपति पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी मिली। वहीं, चिराग की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) हुई। जानकारी के मुताबिक, एनडीए के सीट शेयरिंग में चिराग और पशुपति पारस दोनों ही पिछली बार जीते गए सीटों पर दावा ठोक रहे हैं।