मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
नैनीताल: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने महाकुम्भ में आने के लिए 72 घंटे पहले की निगेटिव रिपोर्ट को जरुरी करार दिया है. कोर्ट ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्था तथा महाकुंभ के इंतजामों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। बुधवार को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट, हरिद्वार की जिला विकास प्राधिकरण सचिव शिवानी पसबोला और मेलाधिकारी दीपक रावत की ओर से कुम्भ व्यवस्थाओं को लेकर निरीक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। निरीक्षण रिपोर्टो का अवलोकन करने के पश्यचात कोर्ट ने राज्य सरकार व मेलाधिकारी को निर्देश दिए है कि कुम्भ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को अपनी कोविड की नगेटिव रिपोर्ट लाना आवश्यक है, जिन लोगो को कोविड की दो बार वेक्सीन लग चुकी है, वह अपना वेक्सीन का सर्टिफिकेट साथ मे लगाएंगे और राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रिपोर्ट वाली बात को मना कर दिया था. लेकिन मास्क, सेनिटाइज, डिस्टेंसिंग बनाने को लेकर कोई बदलाव नहीं किया था.
अब सीएम द्वारा पूर्व में जारी उक्त के सम्बंध में आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने एम्स के डॉक्टरों द्वारा दिये गए सुझावों पर भी विचार करने को कहा है। एम्स के डॉक्टरों ने कमेटी को सुझाव दिए थे कि प्रत्येक दस बैड पर एक डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति की जाय, प्रत्येक हॉस्पिटल में सुविधायुक्त पाँच एम्बुलेंस होने चाहिए तथा एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था होनी चाहिए।याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को अवगत कराया गया कि मेलाधिकारी ने हरकीपैडी व मेला क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है परंतु जहां पर महिलाएं स्नान कर रही है, उनके वाशरूम अच्छी स्थिति में नही है, उनमे सुविधाओ का अभाव है। कुछ लोग स्नान कर रही महिलाओं की वीडियो भी बना रहे, जो उनकी गरिमा के खिलाफ है ,इसलिए मेला क्षेत्र में एक महिला अधिकारी की नियुक्ति की जाय जो वहाँ पर जाकर निरीक्षण करे। आईजी संजय गुंज्याल से अनुरोध किया है कि इन स्थानों पर वर्दी व बिना वर्दी के महिला पुलिस कर्मी नियुक्त किये जाय।
याचिकाकर्ता ने अपनी रिपोर्ट मे यह भी तथ्य उठाया गया कि ऋषिकेश, तपोवन मुनिकीरेती के घाटों की हालात जर्जर है। सरकार ने इनको सुधारने के लिए कोई व्यवस्था नही की है । इसपर कोर्ट ने मुख्य सचिव व वित्त सचिव से इस पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने मेलाधिकारी, चीफ सैकेट्री, वित्त सचिव व आईजी संजय गुंज्याल को निर्देश दिए है कि वे मेला क्षेत्र का अधिवक्ता के साथ निरीक्षण करेंगे और 30 मार्च तक मेलाधिकरी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे ।लेकिन कहीं न कहीं कोर्ट के इस फैसले से काफी राहत मिलेगी जिस तेजी से कोरोना के केस आ रहे हैं प्रदेश में खास तौर पर हरिद्वार और ऋषिकेश क्षेत्र में.