नई दिल्ली। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की बदौलत भारत की इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम बदल गया है। UPI ने इस प्रोसेस को हर किसी के हाथों में लाकर पेमेंट के तरीके को आसान बना दिया है। एक मिनट से भी कम समय में लोग अपने बैंक अकाउंट से लिंक UPI ऐप का इस्तेमाल करके रिसीवर के बैंक अकाउंट में पैसे भेज सकते हैं। इनमें से कुछ ऐप गूगल पे, फोनपे और अन्य हैं।
जहां UPI ने पैसे के लेन-देन के प्रोसेस को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है, वहीं इसने साइबर क्राइम के मामलों को बढ़ा दिया है। हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें स्कैमर्स ने लोगों को उनके यूपीआई अकाउंट को हैक करने और कमाई तक पहुंचने के लिए कई तरीकों से लूटा है। इस प्रकार के स्कैम में पड़ने से बचने के लिए यहां हम आपको 5 ऐसी बातें बता रहे हैं, जिन्हें आपको यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते हुए ध्यान में रखना चाहिए।
अपना UPI पिन कभी किसी के साथ शेयर न करें: आपको बता दें कि ध्यान देने वाली बात यह है कि आप अपना 6 या 4 डिजिट का UPI पिन किसी के साथ शेयर न करें। यूपीआई इनेबल ऐप प्रत्येक ट्रांजेक्शन से पहले पिन मांगता है। इसलिए जब आप अपने बैंक अकाउंट को अपनी UPI आईडी से लिंक करते हैं तो आपको एक स्पेशल पिन सेट करना होगा। उसके बाद में इसका इस्तेमाल एटीएम पिन के जैसे सेफ पेमेंट शुरू करने के लिए किया जाता है। ऐसे में यूपीआई पिन की जानकारी किसी और को नहीं देनी चाहिए।
आपके फोन में इंस्टॉल किए गए कई UPI ऐप्स का इस्तेमाल गलत हो सकता है। कई UPI ऐप्स का उपयोग करने से कोई फायदा नहीं होता है। इसके अलावा इससे कई गलती होने की संभावना रहती है। आप यूपीआई ट्रांजेक्शन फ्री में किसी भी ऐप से किसी को भी कर सकते हैं। ट्रांजेक्शन दो UPI यूजर्स के बीच किसी भी बैंक या UPI ऐप का इस्तेमाल करके कर सकते हैं, क्योंकि UPI इंटर ऑपरेबल है।
अगर कोई व्यक्ति आपके फोन नंबर का इस्तेमाल कर रहा है तो आपको पेमेंट करने में दिक्कत हो सकती है। अगर वे आपके अलावा किसी अन्य ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन आप हमेशा उनके क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं या कई ऐप के अंदर ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई आईडी की डिमांड कर सकते हैं।
अनवेरीफाइड लिंक पर क्लिक न करें: लोगों को SMS या ईमेल पर मिलने वाले लिंक पर क्लिक करने के बाद कई मामलों में स्कैम हुआ है। अपने फोन पर प्राप्त होने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें जो वेरीफाई नहीं हैं या दिक्कत दिखती है। इन लिंक्स का इस्तेमाल अक्सर आपके फोन को हैक करने और आपकी पहचान के साथ-साथ आपके बैंकिंग पासवर्ड और पिन को चुराने के लिए कर सकते हैं। अगर आपको कभी भी ऐसे लिंक मिलते हैं तो आप उन्हें तुरंत हटा सकते हैं या सोर्स को ब्लॉक कर सकते हैं। लोगों को कभी-कभी बैंक रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर कॉल्स आते हैं। वे यूजर्स से अपना पिन, ओटीपी दर्ज करने या एक लिंक के जरिए एक ऐप डाउनलोड करने की रिक्वेस्ट करते हैं जिसे वे एसएमएस या वॉट्सऐप के जरिए भेजते हैं। कभी भी इन जालों में न फंसें और पिन, ओटीपी या निजी पासवर्ड शेयर न करें।