लखनऊ : उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2022-23 के बिजली के नए टैरिफ की घोषणा कर दी है। इस वर्ष के लिए बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। साथ ही सात रुपये प्रति यूनिट का स्लैब समाप्त कर दिया गया है। अब 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग होने पर 6.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से ही बिल देना होगा।
प्रदेश में एक से 150 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट दर, 151 से 300 यूनिट तक 6 रुपये प्रति यूनिट बिजली, 301 से 500 यूनिट तक 6.5 रुपये प्रति यूनिट जबकि 501 यूनिट से ऊपर सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज किया जाएगा।
प्रदेश के शहरी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जीरो से 100 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट 6.00 रुपये और 300 यूनिट के ऊपर 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से दरें निर्धारित की गई हैं। जबकि शहरों में घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक प्रति यूनिट 3.00 रुपये के हिसाब से बिल देना होगा।
इसी तरह, ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को जीरो से 100 यूनिट तक 3.35 रुपये प्रति यूनिट, 101-150 यूनिट तक 3.85 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक 5.00 रुपये प्रति यूनिट और 300 से ऊपर यूनिट होने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट देना होगा। जबकि, ग्रामीण घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक तीन रुपये में बिजली दी जाएगी।
प्रदेश की बिजली दरों पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद की ज्यादातर मांगों को मान लिया है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि जिस प्रकार नोएडा पावर कंपनी के क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 10 की कमी की गई है उसी प्रकार पावर कार्पोरेशन द्वारा नियामक आयोग में उपभोक्ताओं के निकल रहे 22045 करोड़ रुपये पर अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल करने का शपथ पत्र दिया गया होता तो बिजली दरों में भारी कमी होती।