नई दिल्ली l चीन के रूप में उभरती नई चुनौती का सामना करने के लिए भारत, अमेरिका, यूएई और इजरायल साथ आ सकते हैं। इजरायल के विदेश सचिव एलोन उशपिज ने कहा कि अभी तक QUAD में से किसी ने उनके देश से संपर्क नहीं साधा है, मगर वे इसके लिए ‘किसी से भी बातचीत’ को तैयार हैं। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत में उपशिज ने कहा कि इजरायल चाहता है कि भारत मिडल ईस्ट में बड़ी भूमिका निभाए। विदेश मंत्री एस जयशंकर की तेल अवीव यात्रा शुरू होने से पहले इजरायली विदेश सचिव की QUAD में दिलचस्पी एक उदाहरण है कि किस तरह दुनिया चीन के खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहती है।
जयशंकर की तेल अवीव यात्रा की पूर्व संध्या पर, उपशिज ने टीओआई से कहा कि उनका देश QUAD से वैक्सीन, तकनीक, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा को लेकर जुड़ना चाहेगा। उन्होंने कहा, ‘हमें इन क्षेत्रों में किसी भी बातचीत से जुड़ने में खुशी होगी। मुझे भी इन सारे मसलों पर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर खुशी होगी। लेकिन… क्वाड से अभी तक किसी ने हमारे दरवाजे पर दस्तक नहीं दी है।
नेतन्याहू के दौर में मजबूत हुई दोस्ती क्या गुल खिलाएगी?
इजरायल में नफताली बेनेट के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भारत के साथ यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत होगी। इससे पहले की बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घनिष्ठता के चलते दोनों देशों के रिश्तों में खासी मजबूती आई है। जयशंकर की इस यात्रा से मिले संकेत भारत के सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में से एक का भविष्य तय करेंगे। जयशंकर की अपनी समकक्ष यायर लैपिड से चर्चा भी बेहद अहम होगी।
अरब देशों में बढ़ेगा भारत का दबदबा
उशिपज ने कहा कि वह भारत को मिडल ईस्ट में अहम भूमिका निभाते देखना चाहते हैं। उन्होंने टीओआई से कहा, ‘हम भी बड़ी दिलचस्पी से यह देखना चाहते हैं कि मिडल ईस्ट के नए हालात में भारत की भूमिका क्या हो सकती है? जो संभावनाएं बन रही हैं, उनमें भारत को कैसे शामिल किया जा सकता है? आमतौर पर यह क्षेत्र धमकियों और चुनौतियों से भरा रहता है लेकिन पिछले साल में मैंने मिडल ईस्ट में अब्राहम समझौतों की वजह से व्यापक बदलाव देखे हैं। यह सच में एक रणनीतिक भूकंप है।’
इजरायल के विदेश सचिव ने कहा कि दोनों देशों के बीच बिग डेटा, टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर और कम्युनिकेशंस में बात बढ़ेगी। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग और बिग डेटा की बात करते हुए कहा कि ‘तकनीक के नए क्षेत्रों को लेकर हमें बेहद सावधान रहना होगा। मुझे कोई शक नहीं कि उस तकनीक से देशों का आर्थिक भविष्य तय हो सकता है।’
खबर इनपुट एजेंसी से