भागलपुर: बिहार के भागलपुर में पुलिस ने साइबर ठगी (Bihar Cyber Fraud Case) के बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह अब तक सैकड़ों लोगों से ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने साइबर ठग के इस गिरोह के कथित मास्टरमाइंड को बिहार के नवादा से गिरफ्तार किया है। ईशाकचक थाना पुलिस (Bhagalpur Police) ने इस मामले का खुलासा किया है। लंबी पूछताछ के बाद पुलिस के साइबर ठगी से जुड़े कई अहम सुराग भी मिले हैं हालांकि पुलिस फिलहाल जांच पूरा होने तक इससे जुड़ी कोई भी जानकारी शेयर करने से बच रही है।
भागलपुर में साइबर ठगी, फिर पुलिस का एक्शन
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साइबर ठगी का जिले में यह पहला मामला है। जिसमें पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए महज 72 घंटे में कड़ी मशक्कत के बाद इसके कथित मास्टरमाइंड को ही दबोच लिया है| साइबर ठगी का गिरफ्तार मास्टरमाइंड नवादा जिले के धमौल ओपी क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी मंगल चौधरी का बेटा उदय कुमार है। हालांकि, उदय ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह राजस्थान पर रहकर मजदूरी करता है। छुट्टी में घर आया हुआ था। इसी दौरान फेसबुक पर नालन्दा के रंजन से बातचीत हुई उसी ने जॉब के लालच में मुझे साइबर ठगी के इस जंजाल में धकेल दिया।
साइबर ठगी का नया पैंतरा… लोन दिलाने के नाम पर करता था ठगी
आरोपी ने बताया कि वह सिर्फ फोन करता था इसके बाद सारा काम रंजन ही देखता था। हालांकि, उदय का सारा ड्रामा और पैंतराबाजी उस समय धराशाई हो गया जब उसके घर से ही पुलिस को सैकड़ों लोगों के फोन नंबर एक डायरी में लिखे मिले हैं। ठगी में इस्तेमाल मोबाइल का आईएमआई सहित अन्य जानकारी वाला मोबाइल का खाली डिब्बा, लैपटॉप और अन्य सामान बरामद कर लिया। पुलिस ने उदय से सख्ती के साथ पूछताछ की तो उसने अब तक तकरीबन 200 से अधिक लोगों से करीब 10 लाख रुपए ठगी करने की बात स्वीकारी है। साइबर ठग उदय की मानें तो उसे इस काम के लिए 10-15 फीसदी कमीशन दिया जाता था।
ईशाकचक के मनीष को लगा चूना, फिर…
मामले का खुलासा ईशाकचक थाना क्षेत्र के सस्तू भगत काली स्थान निवासी अभिनंदन कुमार सिंह के बेटे मनीष कुमार सिंह की शिकायत के बाद हुआ है। मनीष ने बीते 16 नवम्बर को खुद के साथ एक लाख चार हजार 226 रुपये ठगी की शिकायत थाने में दर्ज करवाई थी। उसने आवेदन के माध्यम से पुलिस को बताया कि फेसबुक के जरिए उनके मोबाइल नंबर पर ऑनलाइन लोन के लिए ऐड आया था। जब उन्होंने फेसबुक ऐड में दिए नंबर पर फोन किया तो लोन के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और बैंक पासबुक के साथ 1500 रुपये मांगे गए। मनीष ने सभी डिटेल्स और पैसा भेज दिया। इसी के बाद ठगी का सिलसिला शुरू हुआ। मनीष के मुताबिक लोन दिलाने के नाम पर उनसे करीब एक लाख चार हजार 226 रुपये ठगों ने वसूल लिए। यही नहीं जब मनीष से और पैसे मांगे गए तो उन्हें फ्रॉड का अंदेशा हुआ। फिर उन्होंने इसकी लिखित शिकायत थाने में कर दी।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी को नवादा से दबोचा
ईशाकचक थाना में शिकायत मिलने के बाद प्रभारी थानाध्यक्ष पूजा शर्मा ने बिना देर किए कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने तकनीकी और साइंटफिक रिसर्च के आधार पर कार्रवाई की और नवादा के उदय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इसके लिए प्रभारी थानाध्यक्ष ने एक छापेमारी दल का भी गठन किया था। आरोप तक पहुंचने में पुलिस को मोबाइल लोकेशन से काफी मदद मिली। आरोपी के पकड़े जाने पर पुलिस अभी यह पता लगाने में जुटी है कि और कितने लोग इस ठगी में शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपी उदय के पास से मिली डायरी में करीब 300 से भी अधिक लोगों के मोबाइल नंबर दर्ज हैं।