नई दिल्ली। YouTube ने शॉर्ट्स बनाने वालों के लिए एक नया और मज़ेदार टूल लाया है. इस नए टूल से क्रिएटर्स मौजूदा गानों को रीमिक्स कर सकते हैं और अपने खुद के 30 सेकंड के वर्जन बना सकते हैं, जिन्हें वे अपने वीडियो में इस्तेमाल कर सकते हैं. यह फीचर YouTube के Dream Track प्रोग्राम का हिस्सा है और अभी सिर्फ कुछ चुनिंदा क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध है. आइए जानते हैं YouTube के नए फीचर के बारे में…
कैसे काम करेगा ये नया फीचर?
इस प्रोग्राम में शामिल क्रिएटर्स एक लिस्ट से गाने चुन सकते हैं और AI को बता सकते हैं कि वो गाने को कैसे बदलना चाहते हैं. वो गाने के मूड या जॉनर को बदल सकते हैं. इसके बाद, AI गाने का एक नया वर्ज़न बनाता है, जिसमें मूल गाने का अंदाज बरकरार रहता है, लेकिन क्रिएटर के आइडियाज़ भी शामिल होते हैं.
YouTube सुनिश्चित करता है कि मूल गाने को शॉर्ट्स में और ऑडियो पेज पर सही तरीके से क्रेडिट दिया जाए, ताकि यह साफ़ हो कि ट्रैक को AI की मदद से रीमिक्स किया गया है.
क्या है Dream Track?
Dream Track नवंबर 2023 में शुरू किया गया था और यह Google की AI टीम, DeepMind द्वारा संचालित है. शुरुआत में, यह कुछ चुनिंदा अमेरिकी क्रिएटर्स को जाने-माने कलाकारों की आवाज़ों का AI-जनरेटेड वर्ज़न इस्तेमाल करने की अनुमति देता था. यह फीचर यूनिवर्सल म्यूज़िक ग्रुप और कई लोकप्रिय संगीतकारों जैसे जॉन लेजेंड, चार्ली एक्ससीएक्स, और ट्रॉय सिवान के साथ मिलकर आया था. पिछले एक साल में, यह अमेरिका के सभी क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध हो गया है.
Meta जोड़ रहा नए AI टूल्स
अन्य खबर की बात करें तो, Meta अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नए AI टूल्स जोड़ रहा है. हाल ही में, पता चला है कि Meta Instagram के लिए एक नया और रोमांचक फीचर बना रहा है. इस नए फीचर से यूज़र्स AI टेक्नोलॉजी की मदद से अपने खुद के प्रोफ़ाइल पिक्चर बना सकेंगे.
Google ने Live Threat Detection फीचर लॉन्च किया है. यह टूल आपके फोन में मौजूद ऐप्स को लगातार देखता रहता है और अगर उनमें कोई खतरा दिखता है तो आपको तुरंत बता देता है. Google का लक्ष्य है कि जल्द ही यह फीचर दूसरे Android फोन जैसे Lenovo, OnePlus, Nothing, और Oppo में भी आ जाए.
Google ने अपने Pixel 6 और नए स्मार्टफोन्स के लिए एक नया सुरक्षा टूल (Live Threat Detection) लॉन्च किया है. यह टूल आपके फोन में मौजूद ऐप्स को लगातार देखता रहता है और अगर उनमें कोई खतरा दिखता है तो आपको तुरंत बता देता है. यह सिर्फ ऐप्स इंस्टॉल करते समय ही नहीं, बल्कि उसके बाद भी काम करता रहता है. Google का लक्ष्य है कि जल्द ही यह फीचर दूसरे Android फोन जैसे Lenovo, OnePlus, Nothing, और Oppo में भी आ जाए.
पहले, मॉलवेयर का पता लगाने के लिए ऐप्स को डाउनलोड करते ही चेक किया जाता था. लेकिन Live Threat Detection अलग है. यह आपके फोन में पहले से मौजूद ऐप्स पर भी नज़र रखता है और AI की मदद से किसी भी खतरनाक गतिविधि या कोड की तलाश करता है. यह खासकर उन मॉलवेयर के लिए बनाया गया है जो शुरू में छिपे रहते हैं और बाद में नुकसान पहुंचाते हैं. यह सब आपके फोन में ही होता है, जिससे आपकी डेटा प्राइवेसी सुरक्षित रहती है. अगर इस सर्विस को कोई खतरा दिखता है, तो आपको तुरंत अलर्ट मिल जाता है, जिससे आप तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं.
Google ने कॉल के दौरान धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एक नया फीचर लाया है. यह फीचर आपके फोन में मौजूद AI की मदद से कॉल के दौरान संदिग्ध बातचीत को पहचानता है. अगर फोन पर कोई आपको धोखा देने की कोशिश करता है, जैसे कि ज़्यादा दबाव डालना या संदिग्ध सवाल पूछना, तो यह फीचर आपको अलर्ट कर देता है और आपको कॉल काटने की सलाह देता है. अभी के लिए, यह फीचर Pixel 6 और नए मॉडल्स पर Phone by Google ऐप के ज़रिए बीटा वर्शन में उपलब्ध है. Google की योजना है कि इसे भविष्य में और ज़्यादा लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाए.
ये अपडेट्स Google की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि वह Android डिवाइसों की सुरक्षा को बेहतर बनाएगा और बढ़ते हुए साइबर खतरों से निपटने के लिए अपने टूल्स को अपडेट करेगा. Pixel 9 सीरीज़ में, Google का नया स्कैम डिटेक्शन फीचर एक एडवांस्ड AI मॉडल की मदद से रियल-टाइम में संभावित स्कैम कॉल्स को पहचानता है. पुराने Pixel डिवाइसों, खासकर Pixel 6 से 8a तक, के लिए यह फीचर Google के ऑन-डिवाइस मशीन लर्निंग मॉडल्स की मदद से स्कैम से सुरक्षा प्रदान करता है.