आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल।भोपाल और खंडवा में अगली महापौर ओबीसी महिला होगी, जबकि ग्वालियर, देवास, बुरहानपुर, सागर और कटनी में अनारक्षित महिला महापौर बनेंगी। इंदौर, जबलपुर, रीवा, सीधी और सिंगरौली महापौर का पद अनारक्षित हो गया है।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के 16 नगर निगमों के महापौर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया रवींद्र भवन में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त की मौजूदगी में शुरू हो गई है। इस दौरान 99 नगर पालिका व 292 नगर परिषदों के अध्यक्ष के लिए भी आरक्षण की प्रक्रिया भी सम्पन्न होगी, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
महापौर के लिए आरक्षण-
रीवा, सीधी, सिंगरौली – अनारक्षित
सतना- ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित
भोपाल – ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित
खंडवा – ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित
मुरैना – अनुसूचित जाति (Sc वर्ग) महिला
उज्जैन- अनुसूचित जाति (SC वर्ग) महिला के लिए आरक्षित
छिंदवाड़ा – अनुसूचित जाति वर्ग (Sc) के लिए आरक्षित
सागर,ग्वालियर – सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित
कटनी,देवास – सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित
बुरहानपुर – सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित
इंदौर,जबलपुर – अनारक्षित
ऐसा होती है आरक्षण प्रक्रिया ?
बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के वार्ड पार्षद या फिर अध्यक्ष पद सभी के लिए आरक्षण प्रक्रिया अपनाई जाती है। इन पदों को एक चक्रानुक्रम से आरक्षित किया जाता है। तीन कार्यकाल में एक चक्र पूरा होता है और फिर से चक्र की शुरुआत होती है। दो कार्यकाल में जिन निकायों में अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित हो चुके होंगे उन्हें अब ओबीसी के लिए आरक्षण में शामिल नहीं किया जाएगा।
जनता सीधे चुनेगी महापौर
बता दें कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में जनता सीधे महापौर का चुनाव करेगी। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान महापौर का चुनाव सीधे जनता से न कराकर पार्षदों से चुने जाने की रुपरेखा तैयार की थी, कमलनाथ सरकार के इस फैसले को शिवराज कैबिनेट ने पलटते हुए एक बार फिर से जनता को सीधे महापौर के चुनाव का अधिकार दिया है।