बिहार में एनडीए गठबंधन से बाहर होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बीजेपी पर हमला शुरू हो गया है। नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जो जीते उन्होंने भी बताया कि बीजेपी ने कोई सपोर्ट नहीं किया और जो हारे उन्होंने तो पूरा दावा किया कि उनके हारने के पीछे बीजेपी का सबसे बड़ा हाथ है। वहीं इस दौरान जब नीतीश कुमार से ये पूछा गया कि अब तो विपक्ष की ओर से पीएम कैंडिडेट बनेंगे तो उन्होंने कहा ऐसा नहीं है वो कोई पीएम कैंडिडेट नहीं बनने जा रहे हैं।
नीतीश ने कहा हम विपक्ष को एकजुट करेंगे लेकिन नेतृत्व नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय देश में किस तरह का टकराव पैदा किया जा रहा है एक व्यक्ति अपने का कायम रखने के लिए क्या-क्या कर रहा है। जब उनसे पूछा गया कि कोई एक कारण बताइए जिसकी वजह से आपने एनडीए छोड़ दिया तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘ये तो हमारे दल में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद फैसला लिया गया। हमारे सभी नेताओं ने कहा एनडीए से अलग हटने के लिए।’
महागठबंधन की सरकार नहीं पूरा कर पाएगी कार्यकाल
वहीं जब लोकजनशक्ति के अध्यक्ष चिराग पासवान से पूछा गया कि क्याा एनडीए के छोड़ने के बाद महागठबंधन सरकार कार्यकाल पूरा कर लेगी? तो राम विलास पासवान ने इस पर जवाब देते हुए बताया,’महागठबंधन की ये सरकार 2025 तक भी नहीं जा पाएगी। आखिर नीतीश कुमार को 22 महीने का समय क्यों लग गया ये जानने में कि बीजेपी इनके विरोध में है पार्टी तोड़ने की साजिश रची जा रही है उन्हें चिराग मॉडल याद आ गया। दरअसल वो राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहे थे लेकिन जब राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन पाए तो उन्होंने उपराष्ट्रपति का इंतजार किया।’
2025 में नया गठबंधन ला सकते हैं नीतीश कुमार, चिराग ने बताई ये वजह
चिराग ने बताया कि ये सरकार 2025 तक भी नहीं चल पाएगी क्योंकि 2024 से ही हम इनके एलायंस में बदलाव देखेंगे। पहली बात तो ये 2024 में विपक्ष की ओर से पीएम कैंडिडेट बनाए जाने की उम्मीद पाले रहेंगे फिर जब वहां बात नहीं बनेगी तो ये फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी को फोकस करेंगे और हो सकता है तब तक कोई नया गठबंधन लेकर आ जाएं क्योंकि ये पिछले 30-32 सालों से इन्हीं दो गठबंधनों के साथ सत्ता में बने हुए हैं। वो यही बोल-बोल के सत्ता में बने रहे कि अपने बाप-दादा से पूछ कर आओ 15 साल पहले वाले बिहार के बारे में।