नई दिल्ली: देश की रक्षात्मक ताकत को लगातार नई मजबूती मिलती जा रही है। साथ ही, डिफेंस मिनिस्ट्री का अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर जोर है। इसी कड़ी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से सुखोई-30 विमानों के लिए 240 AL-31 FP एयरो इंजन की खरीद को लेकर करार पर हस्ताक्षर किया है, जिसकी लागत 26 हजार करोड़ रुपये आएगी। रक्षा मंत्रालय और एचएएल के सीनियर अधिकारियों ने सोमवार को इस करार पर हस्ताक्षर किए, जहां डिफेंस सेक्रेटरी गिरिधर अरमाने और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी मौजूद रहे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन एयरो इंजन का निर्माण HAL के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा। इनसे सुखोई-30 विमानों के बेड़े की संचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए वायुसेना की जरूरतें पूरा होने की उम्मीद है। करार के अनुसार, एचएएल प्रति वर्ष 30 एयरो-इंजन की आपूर्ति करेगा। इस तरह सभी 240 इंजनों की सप्लाई अगले 8 वर्षों की अवधि में पूरी कर ली जाएगी। इस तरह इसमें कोई शक नहीं कि इस डील से देश की रक्षात्मक ताकत को नई धार मिलने वाली है।
इंजनों में 54 प्रतिशत से अधिक होगी स्वदेशी सामग्री
बताया जा रहा है कि इन इंजनों में 54 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जो एयरो-इंजन के कुछ प्रमुख घटकों के स्वदेशीकरण के कारण बढ़ी है। इनका निर्माण HAL के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा। एसयू-30 मार्क 1 भारतीय वायुसेना के सबसे शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बेड़े में से एक है। एचएएल की ओर से इन एयरो-इंजन की आपूर्ति भारतीय वायुसेना के बेड़े की मेंटेनेंस आवश्यकता को पूरा करेगी। इससे वे अपने निर्बाध संचालन जारी रख सकें और देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत कर सकेंगे।