नई दिल्ली: मोबाइल कंपनियां वैसे तो कई जगहों से पैसे कमाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉलर ट्यून के जरिए यूजर्स से अच्छा खासा पैसे कमाती हैं. यूजर्स कॉलर ट्यून को फोन पर सेट करते हैं. इसके बाद जब भी कोई उनको कॉल करेगा तो उस शख्स को डिफॉल्ट रिंगिंग टोन की जगह पर यूजर ने जो कॉलर ट्यून लगाई है वो सुनाई देगी. पहले इस सर्विस के लिए यूजर्स से पैसे लिए जा रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे डिजिटल मीडिया और स्ट्रीमिंग सर्विस के यूज में बढ़ोतरी हुई है. उसके बाद से कॉलर ट्यून की लोकप्रियता में कमी आई है.
इसका असर मोबाइल कंपनियों को इस सर्विस से आ रहे पैसों पर भी पढ़ा, लेकिन इसके बावजूद भी मोबाइल कंपनियां किसी और तरह लाभ कमा रही हैं. चलिए जानते हैं कि मोबाइल कंपनियां कैसे पैसे कमा रही हैं.
यूजर्स के लिए प्रमोशनल ऑफर
डिजिटल मीडिया और स्ट्रीमिंग सर्विस बदलाव के बाद कंपनियां यूजर्स को कॉलर ट्यून की सर्विस फ्री में या फिर प्रमोशनल ऑफर्स के तौर पर देती हैं. ये ऑफर यूजर्स को खुद से जोडे़ रखने और ब्रांड वफादारी बढ़ाने के लिए किया जाता है.
यूजर्स के लिए प्रिमियम कंटेंट और ऐप्स
मोबाइल कंपनियां यूजर्स को प्रिमियम कंटेंट और ऐप्स के जरिए कॉलर ट्यून की सर्विस देती हैं. इसमें यूजर्स से सर्विस के लिए पैसे भी लिए जाते हैं.
विज्ञापन और प्रायोजन से होता है प्रॉफिट
मोबाइल कंपनियां कंटेंट निर्माता के साथ मिलकर स्पोंसर कंटेंट ब्रॉडकास्ट करती है. इसकी मदद से दोनों को ही प्रॉफिट मिलता है. इसमें कंपनी अपने प्रॉडक्ट का प्रचार कॉलर ट्यून के रूप में करा सकती है.
डेटा प्लान्स में कॉलर ट्यून को ऐड करना
मोबाइल में कॉलर ट्यून लगाने के लिए इंटरनेट की जरुरत होती है. अगर कॉलर ट्यून को डेटा प्लान्स में ऐड किया जाए तो भी कंपनियों को अच्छा लाभ मिलेगा. इसके लिए बस कॉलर ट्यून को अनलिमिटेड कॉलिंग, डेटा प्लान, या म्यूजिक स्ट्रीमिंग सब्सक्रिप्शन जैसी सर्विसेस में ऐड करना होगा. इससे यूजर भी प्लान की तरफ आकर्षित होगा और कंपनियों को भी पैसे मिलेगा.