नई दिल्ली: भारत में एमबीबीएस की पढ़ाई को हिंदी माध्यम में लाने की दिशा में कई राज्य सरकारें सक्रिय हैं. यह कदम देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने की कोशिश है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी इसकी पहल की गई है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में एक मीटिंग के दौरान हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का ऐलान किया है.
14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि पठन-पाठन और कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देना चाहिए, वरना हम हिंदी दिवस के उद्देश्य को हासिल नहीं कर पाएंगे. सीएम ने कहा है कि राज्य में मौजूदा सत्र से मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी.
हिंदी में MBBS की किताबें उपलब्ध कराने का निर्देश
उन्होंने कहा, ‘आज हिंदी दिवस है. समस्त छत्तीसगढ़ वासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं और बधाई. आज हमारी सरकार एक बड़ा फैसला ले रही है. हिंदी दिवस मनाने की सार्थकता तभी होगी जब हम शासन प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करेंगे. हिंदी में काम काज करेंगे. इसी क्रम में हमारी सरकार ने ये निर्णय लिया है. एमबीबीएस की पढ़ाई की व्यवस्था भी हम हिंदी में करेंगे. इस साल एमबीबीएस प्रथम सत्र में हिंदी में पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए छात्र छात्राओं की संख्या के मुताबिक किताबें उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दे दिए गए हैं.”
पीएम मोदी की मंशा पर जताई खुशी
उन्होंने साल 2022 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेडिकल की पढ़ाई हिंदी कराने की मंशा पर खुशी जाहिर की. सीएम ने कहा, ‘हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं. राज्य में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी. हमारे राज्य में 10 शासकीय मेडिकल कॉलेज हैं. हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा जो अधिकतर हिंदी मीडियम से आते हैं. मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का यह सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे विषय की बारीक समझ बनती है. हिंदी मीडियम के प्रतिभाशाली छात्रों को इससे फायदा होगा.”
NEP लागू करने पर बोले CM
सीएम विष्णु देव साय ने नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए आगे कहा कि यह ‘कदम हमारी शिक्षा नीति को हर स्तर पर पुरानी मैकाले साम्राज्यवादी शिक्षा नीति से बदलने’ के प्रयासों का हिस्सा था. उन्होंने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से लागू किया गया है.