नई दिल्ली: चुनाव प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के बढ़ते इस्तेमाल और वोटरों को प्रभावित करने की इसकी क्षमता के मद्देनजर चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजनीतिक दलों को परामर्श जारी कर AI से तैयार कंटेंट के इस्तेमाल में पारदर्शिता और जवाबदेही का ध्यान रखने को कहा. चनाव आयोगी की तरफ जारी किए गए परामर्श में कंटेंट के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं.
क्या है नया आदेश?
अब, निर्वाचन आयोग ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए एक नई सलाह जारी की है. इसमें राजनीतिक दलों को निर्देश दिया गया है कि वे AI तकनीकों से बनाए या बदले गए किसी भी चित्र, वीडियो, ऑडियो या अन्य कंटेंट को “AI-Generated”, “Digitally Enhanced” या “Synthetic Content” जैसे नोटेशन के साथ लेबल करें. साथ ही, अगर प्रचार सामग्री या विज्ञापन में सिंथेटिक कंटेंट का उपयोग किया गया हो, तो उस पर डिस्क्लेमर लगाना भी अनिवार्य होगा.
CEC ने जारी ने पहले कर दिया सतर्क
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने हाल में गलत जानकारी फैलाने में एआई और ‘डीप फेक’ के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि ‘डीप फेक’ और गलत सूचनाओं से चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास खत्म हो सकता है. पिछले साल लोकसभा चुनावों के दौरान आयोग ने सोशल मीडिया मंचों के जिम्मेदारीपूर्ण और नैतिक तरीके से इस्तेमाल के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.
जागरूकता के लिए चलाए गए 3000 ई ऑटो रिक्शा
15 जनवरी को 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए, दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) आर. एलिस वाज़ ने शहर के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 3000 से ज्यादा ऑटो-रिक्शा की एक विशेष फ्लीट लॉन्च की. इस पहल का मकसद नागरिकों को उनके वोटिंग हक का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है. आधिकारिक बयान के मुताबिक इन ऑटो-रिक्शों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाने और मतदाताओं को हिस्सेदारी के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ये ऑटो-रिक्शा सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में चलेंगे और व्यापक अभियान का हिस्सा होंगे