नई दिल्ली: राजस्थान में उपचुनाव से पहले भजनलाल सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। राज्य सरकार ने गायों को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए आवारा और बेसहारा जैसे शब्दों के उपयोग पर रोक लगा दी है। अब गाय के लिए निराश्रित शब्द का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही सभी सरकारी आदेशों, दिशा-निर्देशों, सूचना पत्र, परिपत्र और रिपोर्ट में ‘आवारा’ शब्द की जगह निराश्रित गौवंश का उपयोग किया जाएगा।
गौ कल्याण के लिए 250 करोड़ का फंड
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि भाजपा सरकार गायों और बैलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गौ कल्याण के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान कर मुख्यमंत्री पशुधन विकास कोष का गठन किया जाएगा।
मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत
मंत्री जोराराम कुमावत ने जुलाई में विधानसभा में कहा था कि दुधारू पशुओं के साथ-साथ अन्य पशुओं को भी शामिल करते हुए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की जाएगी। पशुपालकों की सुविधा के लिए सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से पशु मेले आयोजित किए जाएंगे।
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर साधा था निशाना
विपक्षी कांग्रेस ने पहले आरोप लगाया था कि भाजपा राजस्थान में गायों की स्थिति के बारे में केवल दिखावा कर रही है, न कि उनके कल्याण के लिए कुछ ठोस कदम उठा रही है। कांग्रेस के इस आरोप के बाद से भजनलाल सरकार ने गायों को लेकर ये बड़ा ऐलान किया है।
देश के कई राज्यों में घूम रहीं ये निराश्रित गाय
बता दें कि राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में आवारा गाय सड़कों पर घूमती हुई दिख जाएंगी। यूपी और मध्य प्रदेश के कई जिलों खासकर बुंदेलखंड एरिया में सड़कों पर घूमती गायों की संख्या ज्यादा है। इन निराश्रित गायों के चलते किसान के साथ-साथ राह चलते लोग भी काफी परेशान होते हैं।