नई दिल्ली l तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के कांजीरंगल गांव में स्थित एक बायोगैस प्लांट अपशिष्ट पदार्थ से बिजली का उत्पादन कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त महीने में मन की बात कार्यक्रम में इसकी सराहना की थी. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवगंगा के डीसी थिरु पी मधुसूदन रेड्डी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह स्थानीय लोगों और पंचायतों की मदद से (NRuM) के तहत स्थापित एक संयंत्र है.
थिरु पी मधुसूदन रेड्डी ने कहा कि होटल और घरों के अलग-अलग गीले अपशिष्ट पदार्थों को बिजली, खेती के लिए जैविक खाद, नर्सरी का उत्पादन करने के लिए संयंत्र में संशोधित किया जाता है. थिरु पी मधुसूदन रेड्डी ने कहा कि होटल और घरों के अलग-अलग गीले अपशिष्ट पदार्थों को बिजली, खेती के लिए जैविक खाद, नर्सरी का उत्पादन करने के लिए संयंत्र में संसाधित किया जाता है.
उन्होंने बताया कि संयंत्र की क्षमता 2 टन है, लेकिन वर्तमान में प्रति दिन 1.2/1.3 टन कचरे को संसाधित किया जाता है जो आस-पास के क्षेत्रों में 200 स्ट्रीट लाइट को रोशन कर रहा है और अन्य जिलों में भी ऐसे संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है.
भारत ने 2024 तक कंप्रेस्ड बायोगैस की 15 एमएमटी उत्पादन क्षमता बनाने, 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल करने और कृषि, भवन, उद्योग और परिवहन क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की घोषणा की है. ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान सरकारों और निजी क्षेत्र द्वारा नए वित्त और निवेश में 400 अरब डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता की गई है.
खबर इनपुट एजेंसी से