नई दिल्ली: आज के दौर में आधार कार्ड हर आम आदमी की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. पहचान पत्र से लेकर हवाई यात्रा, रेल यात्रा, राशन सामग्री,सरकारी नौकरी, स्कूल में बच्चे के दाखिले से लेकर पग पग पर आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है. इसीलिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारे भी अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं को आधार से लिंक करा रही है.
अमूमन लोग दस्तावेजों में आई त्रुटि और जानकारी के अभाव में शासन की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं. इसीलिए केंद्र सरकार के फैसले पर अब आपके गांव के डाकघर में ही आधार मशीने संचालित की जा रही हैं, ताकि हर वर्ग के लोगों को आधार कार्ड में नाम,पता और जन्मतिथि सुधरवाने में आसानी हो उन्हें बेवजह पैसा खर्च करके अब शहर आने की जरूरत नहीं है.
दमोह डाकघर में ABPM के पद पर पदस्थ विधि असाटी ने Local 18 से जानकारी साझा करते हुए बताया कि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरीय क्षेत्रों के लोगों की एक जैसी समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है. वो है जन्मतिथि में सुधार कार्य पहले जितने भी आधार कार्ड बनाये गये हैं. उनमें हो सकता है कि जल्दबाजी या अनदेखी के चलते लोगों की सही जानकारी आधार कार्ड में नहीं डाली गई. जिस वजह से आज लोगों को बड़ी संख्या में डाकघर पहुंचना पड़ रहा है.
ABPM ने आगे बताया कि आधार कार्ड बनवाने से लेकर उसमें करेक्शन करवाने तक के लिए बहुत से दस्तावेजों का होना अनिवार्य है. जैसे कि एड्रेस प्रूफ, जन्म प्रमाण पत्र,10वीं अंकसूची, समग्र आईडी, परिचय, बही खसरा, राशन कार्ड और बैंक पासबुक इन तमाम प्रकार के दस्तावेजों का होना अनिवार्य होता है. जिसके लिए शुल्क भी निर्धारित की गई है. नया आधार कार्ड मुफ्त बनेगा. जबकि जन्मतिथि सुधरवाने के लिए 50 रुपये और बायोमेट्रिक अपडेट से लेकर अन्य कार्य के लिए सिर्फ 100 रुपये की शुल्क तय की गई है.