मुंबई : आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित बालाजी मंदिर में लड्डुओं में पशु चर्बी मिलाने के खुलासे और हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचने के विवाद के बाद अब मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के लड्डुओं की शुद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं। सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहों के बच्चे मिले हैं। इसके बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि प्रसाद साफ-सुथरे स्थल पर बनाकर नहीं रखे जा रहे हैं और वह अशुद्ध हैं। ये आरोप एक वीडियो के आधार पर लगाए जा रहे हैं, जिसमें सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को बांटे जाने वाले ‘महाप्रसाद लड्डू’ के पैकेट में चूहे के बच्चे मिले हैं।
NDTV की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज में प्रसाद के पैक्ट्स में चूहे दिख रहे हैं। इस आरोप पर सिद्धिविनायक मंदिर मंदिर ट्रस्ट की सचिव वीणा पाटिल ने यह मानने से इनकार किया है कि फुटेज मंगदिर ट्रस्ट के अंदर की हैं। हालांकि उन्होंने कहा है कि वह उन तस्वीरों और वीडियो फुटेज की जांच कराएंगी।
बता दें कि इस मंदिर में हर रोज 50 हजार के करीब लड्डू बनते हैं। प्रसाद के एक पैकेट में 50-50 ग्राम के दो लड्डू होते हैं। त्योहार के समय में प्रसाद की मांग बढ़ जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरित होने से पहले फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट के अधिकारी इन लड्डू में इस्तेमाल होने वाली चीजों की नियमित जांच करते हैं और उसे सर्टिफाइड करते हैं।
लैब टेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, इन लड्डुओं को सात-आठ दिन तक सहेजकर रखा जा सकता है, वे खराब नहीं होते लेकिन लड्डुओं में चूहे के बच्चे पाए जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद मंदिर के भीतर साफ-सफाई और प्रसाद की शुद्धता को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
उधर, तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में पशु चर्बी के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसादम के लिए घी की आपूर्ति करने वाली एक कंपनी को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने मंदिर में घी की आपूर्ति करने वाली चार कंपनियों के उत्पाद के नमूने मांगें थे और उनका परीक्षण किया था। इनमें से एक कंपनी के उत्पाद का नमूना मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया है।