नई दिल्ली l केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं क्लास की परीक्षाएं कैंसिल करके उनके रिजल्ट के लिए पॉलिसी निर्धारित की है. साथ ही 11वीं कक्षा में विषयों के चयन को लेकर भी बोर्ड ने नोटिफिकेशन जारी किया है. जानिए- 11वीं में इसबार कैसे आप सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन ले सकते हैं.
कक्षा 11 के लिए विषयों और स्ट्रीम के चयन को लेकर बच्चे सबसे ज्यादा उलझ जाते हैं. सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला प्रश्न है, “क्या छात्र कक्षा 11 में विषयों के किसी भी सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन को चुन सकते हैं? तो बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) इसके लिए अपनी पसंद के अलग अलग सब्जेक्ट चुनने का भी ऑप्शन देता है.
ऐसे में छात्रों के मन में जो मुख्य सवाल उठता है, क्या वे इतिहास के साथ गणित और जीव विज्ञान या भौतिकी जैसे विषयों को एक साथ चुन सकते हैं? इसका उत्तर हां है, और यह सीबीएसई द्वारा पेश किया जा रहा नया विकल्प नहीं है, असल में यह कई वर्षों से दिया जा रहा है.
एक और सवाल यह है कि क्या स्कूल छात्रों को इन विषयों को चुनने की अनुमति देंगे? इसके लिए जवाब है कि स्कूल उन विषयों की अनुमति देंगे जिनके लिए उनके पास विषय शिक्षक हैं. इसीलिए शायद छात्र 11वीं में पारंपरिक सब्जेक्ट का कॉम्बीनेशन लेता है. अब अगला सवाल यह है कि क्या छात्र तब भी किसी विषय का चयन कर सकते हैं, जब उनके स्कूल में उस विशेष विषय के शिक्षक न हों या वे कक्षा के लिए व्यवस्था नहीं कर सकते क्योंकि वे स्ट्रीमवाइज सेक्शन का पालन करते हैं?
पिछले सवाल के जवाब में बता दें कि हां तब भी कोई छात्र एक पेपर का विकल्प चुन सकता है और उस विभाग का अध्ययन कर सकता है, उसके लिए अपनी बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कर सकता है. इसलिए छात्र किसी भी संयोजन में एक भाषा और किसी भी चार ऐच्छिक सब्जेक्ट का चयन कर सकते हैं, बशर्ते वह स्कूल में पढ़ाया जा रहा हो. बोर्ड द्वारा प्रस्तावित विषयों में से एक अतिरिक्त 6ठा विषय भी निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार अपने आप ही चुना और पढ़ा जा सकता है.
बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भी कहा गया है कि कक्षा ग्यारहवीं में स्ट्रीम सिस्टम (साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स आदि) को हटाया जाना चाहिए. यानी सभी पसंद के विषयों को पढ़ने की आजादी हो जिसमें इंट्रेस्ट हो. साथ ही बोर्ड ने सभी विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे कक्षा ग्यारहवीं में विभिन्न प्रकार के स्ट्रीम सिस्टम से बचें और विद्यार्थियों को उनकी रुचि और पसंद के हिसाब से विषयों का समूह चुनने की छूट दी जाए.
यानी अब विद्यार्थी गणित के साथ भूगोल, राजनीतिक विज्ञान आदि चुन सकते हैं. वहीं जिन स्टूडेंट्स ने 10वीं में स्टैंडर्ड मैथेमैटिक्स विषय लिया था, वे 11वीं कक्षा में भी मैथ ले सकेंगे. अधिसूचना के मुताबिक कक्षा दसवीं में फेल होने वाले विद्यार्थियों को कंपार्टमेंट परीक्षाओं के आयोजन तक कक्षा ग्यारहवीं में बने रहने की अनुमति दी जाएगी.
खबर इनपुट एजेंसी से