नई दिल्ली: MMMUT मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी गोरखपुर में अब एक खास तरीके से डिजर्टेशन और थीसिस के साहित्य की चोरी पकड़ी जाएगी. यूनिवर्सिटी (AI) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस चोरी को पकड़ेगा. यूनिवर्सिटी ने ‘टर्निटिन’ का आधुनिक सॉफ्टवेयर ले लिया है. इसके जरिए अब थीसिस में यदि कोई भी कंटेंट दूसरी जगह से चोरी किया होगा, तो इसकी मदद से वह पकड़ा जाएगा. कंटेंट चोरी को रोकने के लिए ही यूनिवर्सिटी ने इस सॉफ्टवेयर को लिया है. इसके साथ ही स्टूडेंट अपना डिजर्टेशन या थीसिस लिखने के बाद संबंधित शिक्षक के पास जमा कर सकते हैं. कोई भी साहित्य की चोरी न कर पाए, इसके लिए यूनिवर्सिटी ने AI बेस्ट ‘टर्निटिन’ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू किया है.
गोरखपुर की यूनिवर्सिटी ‘मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी’ में डिजर्टेशन या थीसिस में साहित्य की चोरी के लिए AI बेस्ड टर्निटिन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने अपने हर टीचर को सॉफ्टवेयर का लॉगिन और पासवर्ड दिया है. इससे वह जांच कर पाएंगे कि थीसिस सही है या नहीं. इसके बाद वह हेड ऑफ डिपार्टमेंट को आगे बढ़ाएंगे.
AI बेस्ड टर्निटिन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर जेपी सैनी बताते हैं कि अक्सर रिसर्च में स्टूडेंट को कई पन्नों का थीसिस लिखनी पड़ती है. लेकिन, स्टूडेंट इसके लिए कहीं से कंटेंट ले सकते हैं. लेकिन बहुत सारे स्टूडेंट पूरी साहित्य को ही कॉपी कर लेते हैं, जो बिल्कुल गलत है. इसी को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी ने AI बेस्ड टर्निटिन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू किया है.
स्टूडेंट AI टूल से करते थे कॉपी
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर जेपी सैनी बताते हैं कि थीसिस चोरी का मामला सामने आने पर ऑनलाइन चेकिंग और सख्त नियमों की वजह से यह मामले कम हुए थे. यूनिवर्सिटी में मास्टर में भी डिसर्टेशन लिखना होता है. इसमें भी छात्रों की ओर से AI टूल के जरिए कई सॉफ्टवेयर से बड़ी संख्या में छात्र कॉपी कर इसका इस्तेमाल कर लेते थे. लेकिन, यूनिवर्सिटी में टर्निटिन सॉफ्टवेयर आने के बाद अब ऐसा स्टूडेंट नहीं कर पाएंगे. थीसिस में साहित्य की चोरी न हो सके, इसके लिए यूनिवर्सिटी ने इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू किया है. इसके जरिए चोरी अब तुरंत पकड़ी जाएगी.