पटना। मुसलमानों को आरक्षण के मामले पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद का बयान आने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आरक्षण का सबसे बड़ा विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के साथ ही भाजपा दलित, पिछड़ा, आदिवासी, गरीब एवं बहुजन विरोधी भी है।
नेता प्रतिपक्ष ने मंगलवार को कहा कि बिहार में मात्र 17 महीनों में महागठबंधन की सरकार में हमारे नेतृत्व में सरकार ने राजद (RJD) के सामाजिक न्याय, नीतियों एवं प्रतिबद्धता के चलते देश में पहली बार जाति आधारित गणना कराई और आरक्षण सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का ऐतिहासिक कार्य किया।
अभी तक इसे नौंवीं अनुसूची में नहीं शामिल किया- तेजस्वी यादव
उन्होंने कहा कि हमारी पहल पर ही बिहार कैबिनेट ने राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों का आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने संबंधी संशोधित प्रविधानों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार से बार-बार अनुरोध किया, लेकिन आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार ने गलत मंशा के चलते अभी तक इसे नौंवीं अनुसूची में नहीं शामिल किया।
तेजस्वी ने कहा कि मोदी सरकार ने देशभर में जाति आधारित गणना कराने के हमारे प्रस्ताव को कभी भी स्वीकृति ही नहीं दी, बल्कि इसे रुकवाने के देश के सालिसिटर जनरल को भी सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया। इन बातों से स्पष्ट होता है कि भाजपा (BJP) और मोदी सरकार आरक्षण और वंचित वर्गों के उत्थान की घोर विरोधी है।