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पूर्णिया में अब यादव Vs यादव की लड़ाई ? पप्पू के खिलाफ तेजस्वी की अंतिम चाल

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
25/04/24
in बिहार, राजनीति
पूर्णिया में अब यादव Vs यादव की लड़ाई ? पप्पू के खिलाफ तेजस्वी की अंतिम चाल
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पूर्णिया। बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट पर सियासत गरमा गई है. पूर्णिया सीट पर एक तरफ आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती मैदान में हैं तो दूसरी ओर कई बार के सांसद पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में हैं. पप्पू यादव पहले इस सीट से सांसद भी रह चुके हैं जबकि बीमा भारती यहां के लिए नया चेहरा है, लेकिन इस सीट पर लड़ाई बीमा भारती बनाम पप्पू यादव नहीं बल्कि तेजस्वी यादव बनाम पप्पू यादव नजर आ रही है. ये बात अलग है कि आरजेडी के सर्वेसर्वा तेजस्वी यादव विधायक हैं और वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. बिहार में पूर्णिया समेत कई सीटों पर चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है. पूर्णिया में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.

अब पूर्णिया में मौजूदा वक्त में चल रही सियासत पर आते हैं. कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव के खिलाफ चुनावी समीकरण सेट करने के लिए पूर्णिया में आरजेडी विधायकों की पूरी फौज उतार दी है. खुद तेजस्वी यादव दौरे पर दौरा कर रहे हैं और जनता से इंडिया गठबंधन और आरजेडी की उम्मीदवार बीमा भारती को जीताने की अपील कर रहे हैं. दूसरी ओर पप्पू यादव इसे अपने खिलाफ तेजस्वी यादव का महाभारत करार दे रहे हैं. पप्पू यादव का कहना है कि तेजस्वी यादव पूर्णिया में महाभारत की पटकथा लिख रहे हैं.

पप्पू का दावा आरजेडी के 42 विधायक पूर्णिया में कैंप

अब सवाल यह उठता है कि आखिर वो कौन सी पटकथा है जिसे पूर्णिया में तेजस्वी यादव लिख रहे हैं. पप्पू यादव ने दावा किया है कि तेजस्वी यादव ने पूर्णिया में आरजेडी के 42 विधायकों के साथ कैंप किया है जबकि बिहार में और भी लोकसभा सीट हैं, लेकिन वहां कुछ नहीं किया जा रहा है. अगर पप्पू यादव की बात सही है तो इसका मतलब है कि तेजस्वी यादव के लिए पूर्णिया की सीट नाक की लड़ाई बन गई है. होनी भी चाहिए क्योंकि जिस पप्पू यादव को पूर्णिया से चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस ने पार्टी में शामिल किया सीट शेयरिंग के वक्त आरजेडी ने उसी सीट की डिमांड कर दी. पप्पू यादव के तमाम विरोधों के बाद भी पूर्णिया की सीट आरजेडी को मिल गई.

पप्पू यादव ने यहां तक कह दिया कि इंडिया गठबंधन की लड़ाई एनडीए के साथ है तो फिर आरजेडी हमारे खिलाफ क्यों साजिश रच रही है. पप्पू यादव का कहना है कि जब हम 10 साल तक आरजेडी के सांसद थे तब हम बी टीम नजर नहीं आए. जब पिता और बेटे हमको मर्ज करने की बात कर रहे थे तब हम बी टीम नजर नहीं आए थे. उन्होंने कहा कि पूर्णिया की जनता इस बार इतिहास लिखने वाली है. पप्पू यादव जिस वक्त ये बात बोल रहे थे उनके चेहरे थकान भी साफ दिख रही थी.

आखिर पूर्णिया में पप्पू यादव का इतना विरोध क्यों?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरजेडी पप्पू यादव का इसलिए खुलकर विरोध कर रहे हैं क्योंकि वो चाहते हैं कि बिहार में तेजस्वी यादव के अलावा दूसरा कोई बड़ा यादव नेता न उभरे. फिर चाहे वो कोई जिला हो या फिर राज्यसभा पर ही क्यों न हो. कहा यह भी जा रहा है कि आरजेडी को इस बात का डर भी है कि अगर पूर्णिया में पप्पू यादव चुनाव जीतते हैं तो फिर वो पूरे बिहार में लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ आवाज बुलंद कर सकते हैं. यही वजह है कि तेजस्वी यादव अब अपनी व्यक्ति लड़ाई को सियासी लड़ाई बना दी है.

क्या कहते हैं पूर्णिया के जातीय समीकरण?

पूर्णिया की सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. करीब 7 लाख के आसपास यहां मुस्लिम वोटर हैं. दूसरे नंबर पर दलित और आदिवासी वोटर हैं जिनकी संख्या 4 लाख के आसपास है. इसके बाद तीसरे नंबर पर यादव वोटर हैं जिनकी संख्या करीब डेढ़ लाख है. वहीं, अति-पिछड़ा, ब्राह्मण और राजपूत वोटरों की संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख के बीच में है.

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