नरकटियागंज की बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा ने आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल हो रही हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों एक बयान जारी कर कहा है कि उनको बदनाम करने के लिए और उनका चरित्र हनन करने के लिए एडिट कर आपत्तिजनक तस्वीर वायरल की जा रही हैं. उन्होंने लोगों अपील की है वह इस तरह की फोटो पर ध्यान न दें और अपने मोबाइल से इसे डिलीट कर दें और जो भी इस प्रकार की फोटो वायरल कर रहे हैं उनके बारे में मुझे सूचित करें.
विधायक ने कहा कि जिन लोगों ने इस तरह की तस्वीर वायरल की है उनके खिलाफ एफआईआर और मानहानि का केस करने जा रही हूं. इन तस्वीरों में जो शख्स रश्मि वर्मा के साथ दिखाई दे रहा है उसका नाम संजय सारंगपुरी बताया जा रहा है.
सारंगपुरी और विधायक ने कराई एक दूसरे के खिलाफ एफआईआर
ठइस बीच मीडिया रिपोट्स के मुताबिक रश्मि वर्मा और संजय सारंगपुरी ने एक दूसरे के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. विधायक ने संजय सारंगपुरी पर हथियार के बल पर किडनैप कर 2 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि 14 अगस्त को हथियार के रूप में उन्हें पटना से मोहतिहारी ले जाया गया और रास्ते में 2 करोड़ की डिमांड की. संजय सारंगपुरी ने मोतिहारी के नगर थाने में दर्ज अपनी FIR में भाजपा विधायक पर आरोप लगाया है कि रश्मि वर्मा ने अपने परिवार और सरकारी बॉडीगार्ड के साथ मिलकर उनके घर में लूट की है.
विधायक ने पहले भी दर्ज कराई थी सारंगपुरी के खिलाफ एफआईआर
मीडिया रिपोट्स के मुताबिस संजय सारंगपुरी कुछ समय पहले तक बीजेपी विधायक के ऑफिस में ही काम करता था. रश्मी वर्मा ने जून 2022 में अपने दफ्तर में काम करने वाले संजय सारंगपुरी से जान का खतरा बताया था. इसे लेकर उन्होंने एक एफआईआर भी दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस शख्स ने छवि बिगाड़े के उद्देश्य इस शख्स ने मेरे जाली हस्ताक्षर कर पद व नाम का गलत इस्तेमाल किया.
सारंगपुरी भी करा चुका है विधायक पर एफआईआर दर्ज
वहीं करीब डेढ़ महीने पहले संजय सारंगपुरी ने भी विधायक रश्मि वर्मा के लिए मोतिहारी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने विधायक पर जमीन के बदले पैसा लेकर ठगी करने का आरोप लगाया था.
पुलिस को दिए आवेदन में संजय ने कहा था कि रश्मि वर्मा ने मुझे सिनेमा कैंपस में बेचने के लिए जमीन दिखाई थी. इसमें एक कट्ठा जमीन देने का सौदा 12 लाख में तय किया गया था. इसके एवज में 17 जुलाई 2021 को 10 लाख कैश मोतिहारी सर्किट हाउस में मैंने दिए थे. इस राशि का एग्रीमेंट विधायक ने अपने लेटर पैड पर किया था. जब जमीन रजिस्ट्री करने के लिए मैंने कहा तो वह इनकार कर गईं. बाद में बीजेपी विधायक ने 10 लाख का चेक दिया जो बाउंस हो गया. बीजेपी विधायक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था.