सावन माह में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. सावन का महीना 12 अगस्त को समाप्त हो जाएगा. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन में लोग विशेष पूजा-पाठ करते हैं. ताकि भोलेनाथ की कृपा पाई जा सके. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में भगवान शिव को अलग-अलग फूल अर्पित करने से अलग फल की प्राप्ति होती है. जानें भगवान शिव को कौन से प्रिय फूल अर्पित किए जा सकते हैं.
गुलाब और अलसी के फूल- गुलाब का फूल अर्पित करने से घर में धन समृद्धि आती है. साथ ही जातक और उसके घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. वहीं, सावन में अलसी के फूल अर्पित करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
बेले के फूल- मान्यता है कि विवाह में हो रही देरी या अड़चनों को दूर करने के लिए सावन शिवरात्रि या फिर महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को बेले का फूल अर्पित करें. ऐसा करने से विवाह का योग प्रबल होता है और जल्दी शादी हो जाती है.
चमेली के फूल- अगर किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती या फिर बनते काम बिगड़ रहे हैं, तो भगवान शिव को चमेली का फूल अर्पित कर दें. सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद अपनी कामना कहते हुए भगवान शिव को चमेली के फूल अर्पित करें.
धतूरे का फूल- शिवपुराण के अनुसार शिव जी की पूजा धतूरे के बिना अधूरी मानी जाती है. इसलिए शिव जी की पूजा करते समय धतूरे के फल के साथ फूल अवश्य चढ़ाएं. ऐसा करने से व्यक्ति को हर दुखों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि मिलती है. मान्यता है कि शिवलिंग पर धतूरे का फूल अर्पित करने से संतान प्राप्ति होती है.
हारसिंगार के फूल– भगवान शिव को हारसिंगार का फूल अर्पित करें. मान्यता है कि भगवान शिव को हारसिंगार का फूल अति प्रिय है. इसे अर्पित करने से बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं.
मदार का फूल– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिव जी को मदार के फूल भी बेहद प्रिय हैं. मदार को आक, आंकड़े के नाम से भी जाना जाता है. अगर सावन में भगवान शिव को मदार के फूल अर्पित किए जाएं, तो मोक्ष की प्राप्ति होती है.