देहरादून. अभी तो सीबीआई उद्यान विभाग के ऑफिस तक भी नहीं पहुंची, कि उससे पहले उद्यान विभाग के अफसर में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर ली. हैरानी इस बात की है कि जिस विभाग में करोड़ों का घोटाला हुआ है. हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. उसी उद्यान विभाग के अफसर अब विशेष पुनर्विचार याचिका यानी एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं.
सवाल उठ रहा है कि आखिर जिस विभाग के डायरेक्टर हरमिंदर सिंह बावेजा को मुख्यमंत्री ने घोटाले की बात पर सस्पेंड किया हो, उसी विभाग के अफसरों को ऐसा क्या लगा कि सीबीआई जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. इतना ही नहीं सीबीआई जांच का ऑर्डर नैनीताल हाईकोर्ट ने किया, वो भी तब जब एसआईटी जांच में कई फैक्ट सामने आए.
घोटाले में घिरे विभाग के मंत्री गणेश जोशी के मुताबिक, अफसरों ने इस बात को समझा है कि जिस एसआईटी ने भर्ती घपले की जांच की, वो ये भी कर सकती है. सवाल सीधा और सपाट है कि अगर उद्यान विभाग में कोई घोटाला हुआ ही नहीं है, तो फिर सीबीआई जांच से डर कैसा?
यही सवाल कांग्रेस भी पूछ रही है. पूर्व सीएम हरीश रावत के मुताबिक इतना बड़ा घपला अकेला डायरेक्टर नहीं कर सकता है, इसलिए सीबीआई जांच होनी ही चाहिए, वरना मंत्री और सचिव के साथ पूरी सरकार पर उंगली उठेगी. ऐसे में यही बात अब मुख्यमंत्री को देखनी है कि घोटाले के टॉप में कौन हैं?
सीबीआई जांच का आदेश देने से पहले हाई कोर्ट ने एसआईटी से रिपोर्ट और कई सबूत मांगे थे. इनको देखने के बाद सीबीआई को जांच का आदेश दिया गया था. इसीलिए सवाल उद्यान विभाग पर खड़े हो रहे हैं, कि क्यों विभाग के अफसर एसआईटी जांच चाहते हैं, सीबीआई जांच नहीं ?