नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई। इस कारण अब चुनाव के जरिए तय होगा कि 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष कौन होंगे। 293 सांसदों के साथ बीजेपी के नेतृत्व वाला सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का सदन में बहुमत है। इस कारण लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में एनडीए की जीत को लेकर संशय की स्थिति नहीं है। दरअसल, विपक्ष ने उपाध्यक्ष पद की मांग की थी। सत्ता पक्ष इसके लिए सहमति नहीं हुआ तो विपक्ष ने अध्यक्ष पद सत्ता पक्ष का साथ देने से इनकार दिया। विपक्ष की ओर से केरल के मावेलिक्कारा से कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का पर्चा भरा है। इधर, सत्ता पक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिरला को ही अपना उम्मीदवार बनाया है।
दोबारा लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे ओम बिरला?
अब बुधवार को सुबह 11 बजे लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग होगी। अगर इस चुनाव में ओम बिरला जीत जाते हैं तो उनका नाम इतिहास के उन पांच लोकसभा अध्यक्षों की सूची में जुड़ जाएगा जिन्हें इस पद पर दो बार निर्वाचित होने का मौका मिला है। अब तक मदाभुसी अनंतसयनम आयंगर, डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लों, डॉ. नीलम संजीव रेड्डी, डॉ. बलराम जाखड़ और गंती मोहन चंद्र बालयोगी ने दो बार लोकसभा अध्यक्ष पद पर रहने की उपलब्धि हासिल की है।
ओम बिरला के पास इतिहास रचने का मौका
हालांकि, इन सभी में किसी ने 10 वर्षों को दोहरे कार्यकाल को पूरा नहीं किया था। इस लिहाज से ओम बिरला के पास इतिहास बनाने का मौका होगा। अगर वो इस बार पूरे पांच साल तक का कार्यकाल पूरा कर लेंगे तो वो लोकसभा के पूरे दो कार्यकाल यानी 10 साल तक लोकसभा अध्यक्ष पद पर बने रहने का रिकॉर्ड दर्ज कर लेंगे।