लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल की ओर से उम्मीदवारों के ऐलान से पहले बड़ी चर्चा थी कि मलूक नागर को आरएलडी से टिकट मिल सकता है. इस चक्कर में वे आरएलडी ऑफिस तक चले गए थे. बीएसपी में रह कर जयंत चौधरी के गुण गा रहे थे. पर उन्हें टिकट नहीं मिला. वे एक जाने माने बिल्डर भी हैं. मलूक नागर के बीजेपी नेताओं से भी अच्छे रिश्ते रहे हैं.
आरएलडी ने लोकसभा के दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बागपत से राजकुमार सांगवान चुनाव लड़ेंगे. वे पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें मेरठ के सिवालखास से टिकट मिला था, लेकिन बाद में कट गया. वे जाट बिरादरी से हैं. जयंत चौधरी के करीबी माने जाते हैं. पार्टी में उनकी छवि एक पढ़े लिखे समझदार नेता की रही है. वे कभी कोई चुनाव नहीं लड़े. बागपत से आरएलडी के टिकट पर वे पहली बार चुनाव लड़ेंगे.
बिजनौर से चंदन चौहान को टिकट
आरएलडी ने बिजनौर से 35 साल के नेता चंदन चौहान को टिकट दिया है. वे गुर्जर बिरादरी से हैं. चंदन अभी मुजफ्फरनगर के मीरापुर से विधायक हैं. वे पार्टी का उभरते हुए नेता हैं. जयंत चौधरी उन्हें बहुत मानते हैं. चंदन के परिवार का राजनीति से पुराना रिश्ता रहा है. उनके पिता संजय चौहान बिजनौर से सांसद रहे. इनके दादा नारायण सिंह चौहान यूपी के डिप्टी सीएम रहे.
गुर्जर और जाट दोनों को साधा
आरएलडी को बीजेपी के साथ गठबंधन में यूपी से लोकसभा की दो सीटें मिली हैं. जयंत चौधरी ने एक सीट पर गुर्जर तो दूसरे पर जाट नेता को मौका दिया है. इसका मतलब ये है कि आरएलडी अपना सामाजिक विस्तार करना चाहती है. पार्टी ने विधान परिषद के चुनाव के लिए जाट नेता को टिकट दिया है. योगेश नौहार पार्टी के उम्मीदवार होंगे. नौहार पिछली बार मथुरा के मांट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे पर टिकट नहीं मिल पाया.