नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर पोलैंड के उप विदेश मंत्री व्लाडिस्लाव टेओफिल बार्टोसेव्स्की ने एक बड़ा दावा कर दिया है। न्यूज 18 इंडिया को दिए इंटरव्यू में पोलैंड के मिनिस्टर ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग के शुरुआती दिनों में राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत की थी। उस बातचीत में पीएम मोदी ने पुतिन से परमाणु हथियार इस्तेमाल नहीं करने को बोला था। उसके बाद ही पुतिन ने अपने कदम पीछे खींच लिए।
पोलैंड के मिनिस्टर ने क्या बताया?
व्लाडिस्लाव टेओफिल बार्टोसेव्स्की ने इंटरव्यू में कहा कि पिछले साल पीएम मोदी की वारसा यात्रा काफी बेहतरीन साबित हुई थी। उन्होंने ही पुतिन को मनाया था कि वे एटमी हथियारों का इस्तेमाल ना करें। हम जोर देकर कहते हैं कि यूक्रेन में स्थायी शांति जरूरी है, कोई भी युद्ध नहीं चाहता है। अब पोलैंड के मंत्र का यह बयान मायने रखता है क्योंकि पीएम मोदी कई दफा कह चुके हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध में उनकी पोजीशन न्यूट्रल नहीं है। वे तो शांति के साथ खड़े हैं।
पीएम मोदी ने क्या बोला था?
इससे पहले अपने पॉडकास्ट वाले इंटरव्यू में भी पीएम मोदी ने साफ कहा था कि कोई भी समाधान जंग के मैदान में नहीं निकल सकता, रूस और यूक्रेन को बातचीत की टेबल पर आना ही पड़ेगा। पीएम मोदी ने तो तब यूक्रेन को लेकर भी बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं जेलेंस्की को भी कह सकता हूं कि भाई आपके साथ कितने भी साथी क्यों ना आ जाएं, लेकिन युद्ध के मैदान में कभी भी समाधान नहीं होने वाला है। समाधान तो तभी निकलेगा जब दोनों देश साथ आएंगे, बातचीत करेंगे।
गुजरात दंगों पर बोले मोदी
वैसे अपने पॉडकास्ट इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कई दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत की है। उन्होंने कई सालों बाद गुजरात दंगों पर भी विस्तार से बात की। पीएम मोदी ने कहा कि यह घटना सभी के लिए दुखद थी और हर कोई शांति पसंद करता है। 27 फरवरी 2002 को हम बजट सत्र के लिए विधानसभा में बैठे थे और यह मेरा तीसरा दिन ही था।
यह धारणा बनाई गई है कि यह अब तक का सबसे बड़ा दंगा था, जो कि गलत सूचना है। अगर 2002 से पहले के आंकड़ों की समीक्षा करेंगे तो गुजरात में लगातार दंगे हुए हैं। कहीं ना कहीं लगातार कर्फ्यू लगाया जाता था। यहां पर पतंगबाजी या मामूली साइकिल टक्कर जैसी छोटी-मोटी बातों पर भी हिंसा भड़क जाती थी। 2002 से पहले गुजरात में 250 से अधिक बड़े दंगे हुए। 1969 में तो दंगे करीब 6 महीने तक चले। इसलिए यहां पर दंगों का एक लंबा इतिहास रहा है।