नई दिल्ली: आगरा में 26 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा क्या दिया, उसने देश की सियासी तासीर ही बदल कर रख दी। योगी आदित्यनाथ के इस नारे की काट अब तक विपक्ष निकाल नहीं पाया है। हालांकि बंटेंगे तो कटेंगे की काट सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने नारे, ना बंटेंगे ना कटेंगे पीडीए के साथ रहेंगे के तौर पर ढ़ूंढ़ी जरूर, लेकिन समाजवादी पार्टी का यह नारा योगी आदित्यनाथ के नारे के सामने ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया।
बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे, नारे के जवाब में विपक्ष ने नारों की झड़ी लगा दी। सपा ने पहले नारा दिया, जुड़ेंगे तो जीतेंगे। फिर सपा ने दूसरा नारा दिया, ना बंटेंगे ना कटेंगे पीडीए के साथ रहेंगे। लेकिन इन दो नारों ने वो असर नहीं दिखाया जो बंटेंगे तो कटेंगे ने कर दिखाया।
हरियाणा में इस नारे ने अपना खासा असर दिखाया। भाजपा ने वहां पूरी बाजी पलट दी। 26 अगस्त को आगरा में योगी आदित्यनाथ ने यह नारा दिया। बावजूद इसके अभी तक योगी आदित्यनाथ के नारे की काट विपक्ष के पास नहीं है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव में 90 फीसद रहा असरदार
इसी नारे ने जम्मू में भी खासा असर दिखाया। जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में इस नारे की बदौलत योगी आदित्यनाथ की सीट जिताने की दर 90 फीसद रही और हरियाणा में 65 फीसद। योगी का यह दर उनके नारे की तासीर बताने के लिए काफी है। यह परिणाम इस बात की ताकीद करता है कि हरियाणा और जम्मू के लोगों ने बंटेंगे तो कटेंगे नारे को कितनी संजीदगी के साथ लिया।
अब महाराष्ट्र और झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी बंटेंगे तो कटेंगे नारे का खासा असर दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र में योगी आदित्यनाथ के इस नारे ने विपक्षी दलों को सकते में डाल रखा है। वहां भी इस नारे के जवाब में नारों की झड़ी जरूर लगी है, लेकिन जिस तरह आदित्यनाथ का यह नारा जनता के जेहन में घर कर गया है, उसकी काट के तौर पर विपक्षी दलों की तरफ से दिए गए नारे ना ही उतने असरकारक साबित हुए हैं और न ही उनमें इतनी धार है कि वे कुछ नया कर पाने में कामयाब होते नजर आ रहे हैं।
योगी के नारे के साथ खड़े नजर आए पीएम मोदी
महाराष्ट्र में आदित्यनाथ के नारे के परिमार्जित रूप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेश किया। उन्होंने कहा, अगर हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी योगी के इस नारे के साथ खड़ा नजर आ रहा है। संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले ने मथुरा में बीते दिनों कहा कि हिंदू समाज एकता में नहीं रहा तो आज के समय में बंटेंगे तो कटेंगे हो सकता है। समाज में अगड़ा-पिछड़ा,जाति-भाषा में भेद करेंगे तो हम कटेंगे। इसलिए हिंदू समाज में एकता जरूरी है।
इस बाबत भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक कहते हैं, भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा सब को साथ ले कर सबका साथ, सबका विकास की परिभाषा गढ़ी। यह नारा भी सब को साथ लेकर चलने का संकेत देता है। भाजपा देश को संगठित रहने की पक्षधर है। अब तक देशवासियों को बांट कर जो अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे थे, अब उनके सोचने का वक्त है। हम वसुधैव कटुम्बकम पर विश्वास करने वाले हैं। यही भाजपा का मूल है और यही देश का भी मूल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की काट अब तक विपक्ष निकाल नहीं पाया है। महाराष्ट और झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में इस नारे का खासा असर दिखाई दे रहा है।