नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर चार चरणों में लोकसभा चुनाव पूरे हो गए हैं. इंदौर में सोमवार (13 मई) वोटिंग हो गई और मतदाताओं ने अपने-अपने पसंद के उम्मीदवारों को चुना. हालांकि, इस चुनाव में इंदौर में जो खास बात रही, वह यह थी कि इस बार इंदौर का चुनाव सबसे सस्ता चुनाव साबित हुआ है.
दरअसल, इस बार चुनाव खर्च के मामले में देखा जाए तो शंकर लालवानी ने 24 लाख रुपये और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के लिए करीब 2.50 लाख रुपये खर्च का पड़ा है.
मध्य प्रदेश के इंदौर में चौथे चरण के लिए 13 मई को वोटिंग थी और इस चुनाव में लोगों ने अपना मत देकर जनप्रतिनिधि चुन लिया है. 4 जून को रिजल्ट घोषित होगा और पता चलेगा कि इंदौर में सबसे ज्यादा मतों से कौन सा उम्मीदवार विजयी हुआ. दूसरे परिपेक्ष में देखा जाए तो कहा जा सकता है कि इंदौर का इस बार का चुनाव सबसे सस्ता चुनाव साबित हुआ है.
अक्षय बम के नामांकन वापस लेने से पहले लालवानी ने किया ज्यादा खर्च
चुनाव आयोग ने जो खर्च के आंकड़े पेश किए हैं, उसके हिसाब से शंकर लालवानी ने इस चुनाव में 23 लाख 84 हजार रुपये ही खर्च किए. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने इंदौर में ना तो कोई बड़ी सभा की और ना ही कोई बड़ा नेता इंदौर में जनसभा करने या प्रचार करने आया. दूसरे लिहाज से देखा जाए तो अक्षय बम के नाम वापस लेने के पहले शंकर लालवानी करीब 17 लाख रुपये खर्च कर चुके थे और नामांकन के बाद उन्होंने 7 लाख रुपये अपने प्रचार में खर्च किए
किसी उम्मीदवार ने 18 हजार तो किसी ने एक लाख किया खर्च
अन्य प्रत्याशियों की बात की जाए तो संजय सोलंकी जो बहुजन समाज पार्टी से आते हैं, उन्होंने महज ढाई लाख रुपये खर्च किए. इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व पदाधिकारी अभय जैन निर्दलीय चुनाव लड़े थे और उन्होंने इस बार सवा दो लाख रुपये में चुनाव निपटाया.
वहीं, अखिल भारतीय परिवार पार्टी की ओर से पवन कुमार ने 1.56 लाख, निर्दलीय उम्मीदवार अर्जुन परिहार ने 1.41 लाख, सोशलिस्ट यूनिट सेंटर आफ इंडिया के अजीत सिंह ने 18 हजार रुपये, जन संघ पार्टी के वसंत गहलोत ने 30 हजार, निर्दलीय उम्मीदवार अंकित गुप्ता ने एक लाख रुरये, परमानंद तोलानी ने 25 हजार, पंकज गुप्ता ने 26 हजार, मुदित चौरसिया ने 43 हजार, रवि सरभैया ने 14 हजार, लविश खंडेलवाल ने 14 हजार और आजाद अली ने 30 हजार रुपये चुनावी खर्च किया है.