नई दिल्ली: अपने ‘भगवाधारी’ बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे साधु-संतों के निशाने पर आ गए हैं। अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने खरगे पर निशाना साधा है। जगद्गुरु ने पूछा कि ‘कहां पर यह लिखा है कि बदमाशों, गुंडों, लोफरों को राजनीति करनी चाहिए? सच पूछिए तो भगवाधारी को ही राजनीति करनी चाहिए। भगवा रंग भगवान का है। शिवाजी महाराज ने इसी भगवा रंग को लहराकर पूरे देश और महाराष्ट्र को एकजुट कर दिया। इसलिए भगवाधारी को ही राजनीति करनी चाहिए। सूट-बूट वालों को भारत में राजनीति नहीं करनी चाहिए।’
योगी का बिना नाम लिए बोला हमला
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का बिना नाम लिए रविवार को जोरदार हमला बोला। खरगे ने कहा कि ‘कई नेता साधु के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं। मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। वे ‘गेरुआ’ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं। मैं बीजेपी से कहूंगा कि या तो सफेद कपड़े पहनें। यदि आप संन्यासी हैं और ‘गेरुआ’ कपड़े पहनते हैं तो राजनीति से बाहर हो जाएं। एक तरफ आप ‘गेरुआ’ कपड़े पहनते हैं और दूसरी तरफ आप कहते हैं ‘बटोगे तो कटोगे’। वे लोगों के बीच नफरत फैला रहे हैं और उन्हें बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’
भाजपा ने ईसी से की शिकायत
इस बयान के लिए खरगे भाजपा के निशाने पर तो हैं ही, अब साधु-संतों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र में आदर्श आचार संहिता और अन्य कानूनों का ‘उल्लंघन’ कर ‘दुर्भावनापूर्ण और झूठा’ चुनाव प्रचार करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। भाजपा ने निर्वाचन आयोग को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने छह नवंबर को मुंबई में चुनाव प्रचार के दौरान अपनी इस टिप्पणी से झूठ फैलाने और लोगों के बीच असंतोष पैदा करने की कोशिश की कि महाराष्ट्र से आईफोन फैक्टरी और बोइंग इकाई सहित विभिन्न परियोजनाओं को गुजरात ले जाया गया।
खरगे का भाषण बेबुनियाद-भाजपा
भाजपा ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस नेता ने अपने भाषण में यह भी बेबुनियाद दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा संविधान को खत्म करना चाहते हैं और कुलपति के तौर पर नियुक्ति के लिए आरएसएस की सदस्यता योग्यता है न कि प्रतिभा।