नई दिल्ली : हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में मात्र सात सांसद ऐसे हैं जो 70 फीसदी वोट पाकर संसद पहुंचे हैं। बड़ी बात ये है कि ये सभी सांसद सत्तारूढ़ भाजपा से हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 18वीं लोकसभा में केवल सात सांसद ही 70 फीसदी वोटों से जीतकर आए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसके उलट कांग्रेस के तीन सांसद ऐसे हैं जो 30 फीसदी से भी कम वोट पाकर संसद पहुंचे हैं।
ADR और NEW ने कुल 543 लोकसभा सीटों में से 542 के वोट शेयर का विश्लेषण किया है। एक सीट सूरत से भाजपा के सांसद निर्विरोध चुने गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 542 में से आधे से अधिक यानी 279 सांसद 50 फीसदी से ज्यादा वोटों से जीतकर संसद पहुंचे हैं, जबकि 263 सांसद 50 फीसदी से कम वोट पाकर जीतने में कामयाब रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के सभी 239 सांसदों में से 75 यानी 31 फीसदी सांसदों ने 50 फीसदी से कम वोट से जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस के कुल 99 सांसदों में से 57, सपा के कुल 37 सांसदों में से 32, तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 21 और डीएमके के 22 में से 14 सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 50 फीसदी से भी कम वोट पाकर जीते हैं। 50 फीसदी वोट से ऊपर हासिल कर जीतने वालों में भाजपा के 164 और कांग्रेस के 42 सांसद ही 50 फीसदी से ज्यादा वोट प्राप्त कर जीत दर्ज कर सके हैं।
भाजपा के जिन सात शख्सियतों ने 70 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की है, उनमें इंदौर के सांसद शंकर लालवानी प्रमुख हैं, जिन्हें कुल पड़े वोटों का 78.54 फीसदी मिला है। यानी वो अपने निर्वाचन क्षेत्र में 78.54% वोट हासिल कर लोकसभा पहुंचे हैं। दूसरे नंबर पर नवासारी के सांसद सीआर पाटिल हैं, जिन्हें 77 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं।
विदिशा से जीतने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी 77 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि गांधीनगर सीट पर अमित शाह को 76.5 फीसदी, त्रिपुरा वेस्ट सीट पर बिप्लब कुमार देव को 72.85 फीसदी, वडोदरा के सांसद हेमांग जोशी को 72.04 फीसदी और पंचमहल से सांसद राजपाल सिंह महेंद्रसिंह जादव को 70.22 फीसदी वोट मिले हैं। 70 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर से जीतने वाले सभी सात सांसदों में से गुजरात से चार, मध्य प्रदेश से दो और त्रिपुरा से एक हैं।