देहरादून। राज्य के विपक्षी दलों ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर आक्रोश जताया। वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ मापिया तंत्र, अपराध और हिंसा बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार कानून को ताक पर रखकर पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है। मजदूर, महिला, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बुनियादी हकों को माफिया और सरकारी विभाग हनन कर रहे हैं और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के बजाय उनको बचाया जा रहा है।
रविवार को खुशी राम पब्लिक लाइब्रेरी में आयोजित संयुक्त सम्मलेन में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल के प्रतिनिधि शामिल रहे। सभी ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में एकजुट होने का ऐलान किया। वक्ताओं ने कहा कि अंकिता और जगदीश के केस में सीधा पक्षपात और लापरवाही दिखाई दे रही है और अल्पसंख्यक और दलित समुदायों पर हो रहे हमलों में सरकार मूकदर्शक बन कर बैठी है, यदि कानून को इस तरह कमजोर किया जाएगा तो अपराधों को बढ़ावा मिलेगा।