नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अंबाला के पास शंभू सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। शंभू सीमा पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक स्वतंत्र समिति गठित करने का प्रस्ताव देता है। यह समिति किसानों और अन्य हितधारकों से संपर्क उनकी मांगों का व्यावहारिक समाधान निकालेगी, जो निष्पक्ष, न्यायसंगत और सभी के हित में हो।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे-1 पर शंभू बॉर्डर को एक सप्ताह में खोलने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, 24 जुलाई यानी आज तक शंभू बॉर्डर को खोला जाना था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। हरियाणा सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। हरियाणा हाईकोर्ट पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और कहा कि शंभू बॉर्डर के पास यथास्थिति बनाए रखी जाए, जहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं।
पंजाब और हरियाणा से समिति के लिए मांगा नामों का सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिष्ठित लोगों की एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। ये समिति किसानों और अन्य हितधारकों से मिलकर उनकी बात सुनेगी और ऐसा व्यवहारिक समाधान खोजेगी, जो निष्पक्ष, न्यायसंगत और सभी के हित में हो। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से स्वतंत्र समिति के लिए सदस्यों के नाम सुझाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों से एक सप्ताह के भीतर नाम सुझाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से शंभू सीमा पर चरणबद्ध तरीके से बैरिकेड्स हटाने के लिए कदम उठाने को भी कहा है ताकि जनता को कोई असुविधा न हो।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज संसद भवन परिसर में किसान नेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने अपने घोषणापत्र में कानूनी गारंटी के साथ MSP का जिक्र किया है। हमने आकलन किया है और इसे लागू किया जा सकता है। हमने अभी एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि हम INDIA गठबंधन के दूसरे नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दी जाए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह समस्या है। मगर हमें क्या करना चाहिए? यह एक तकनीकी मुद्दा भी हो सकता है।’ हालांकि, कुछ देर बाद किसानों को अंदर जाने की इजाजत मिल गई। एजेंसी के मुताबिक, किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के सामने प्राइवेट मेंबर्स बिल (निजी सदस्य विधेयक) लाने की बात रखी है।
यह लोग भी रहे मौजूद
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के तत्वावधान में देशभर से आए 12 किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, डॉ अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश भी मौजूद रहे।
सरकार पर दबाव डालेंगे दबाव: राहुल
किसान नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने अपने घोषणापत्र में कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी का जिक्र किया है। हमने आकलन किया है और इसे लागू किया जा सकता है। हमने अभी एक बैठक की, जिसमें तय किया गया कि हम विपक्षी गठबंधन के दूसरे नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।’
22 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा था कि वे देशभर में मोदी सरकार के पुतले जलाएंगे। MSP गारंटी को कानूनी बनाने की अपनी कानून की गारंटी, ऋण माफी, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों की पेंशन, बिजली के निजीकरण को वापस लेने समेत अन्य मांगों को पूरा करने के लिए नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
इसके अलावा विपक्ष द्वारा निजी विधेयकों का समर्थन करने के लिए मार्च भी निकालेंगे। प्रदर्शनकारी किसान 15 अगस्त को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। और नए क्रिमिनल बिल की कॉपियां भी जलाएंगे। किसान संगठनों ने कहा था कि किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च 31 अगस्त को 200 दिन पूरा करेगा। संगठनों ने किसानों से पंजाब-हरियाणा के खनौरी-शंभू बॉर्डर पर पहुंचने की अपील भी की है।