नई दिल्ली। भारत के साथ अपने तनाव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में लाने की पाकिस्तान की हालिया कोशिश उल्टी पड़ गई। UNSC के सदस्यों ने आतंकवाद और न्यूक्लियर अटैक की धमकियों के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। इसके अलावा, UNSC ने भारत की तरफ से हमले की आशंका के खिलाफ कोई बयान जारी करने से इनकार कर दिया। UNSC का अस्थायी सदस्य होने के बावजूद, पाकिस्तान को इस बैठक के लिए UNSC हॉल में जाने की अनुमति नहीं दी गई, बल्कि यह बैठक एक गेस्ट रूम में हुई।
भारत से बुरी तरह घबराया पाक
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने यह बैठक बुलाई थी। भारत के जवाबी हमले के डर से पाकिस्तान ने UNSC को बैठक बुलाने की गुहार लगाई थी। उसने दावा किया कि भारत कभी भी हमला कर सकता है और उसने आगे की स्थिति को रोकने के लिए वैश्विक दखल की मांग की। पाकिस्तान ने कूटनीतिक सफलता की उम्मीद में भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहता था। हालांकि, UNSC के मेंबर्स ने चर्चा के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
बैठक में पाकिस्तान नहीं दे पाया तीन सवालों के जवाब
बैठक के दौरान, उपस्थित मेंबर्स द्वारा पाकिस्तान से तीन महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए। सबसे पहले, उन्होंने पूछा कि
- आतंकवादी धर्म के आधार पर व्यक्तियों को क्यों निशाना बना रहे थे।
- पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका क्या है? और अगर वह इसमें शामिल था तो क्या कार्रवाई की गई?
- पाकिस्तानी अधिकारी अक्सर परमाणु हमलों का जिक्र क्यों करते हैं और क्या यह बयानबाजी तनाव को बढ़ा रही है।
समर्थन की जगह पाक को मिली फटकार
सूत्रों ने बताया कि इन सवालों के सीधे जवाब देने में विफल रहने के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से घिर गया। बैठक खत्म इस सुझाव के साथ हुई कि पाकिस्तान इन मुद्दों को बाहरी हस्तक्षेप के बिना स्वतंत्र रूप से हल कर सकता है। जबकि पाकिस्तान ने इस UNSC बैठक के माध्यम से भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा, लेकिन समर्थन तो मिला नहीं उल्टा उसे अपने खुद की करतूतों के और बयानबाजी पर जांच का सामना करना पड़ा। UNSC की बैठक में जो हुआ वह बताता है कि पाकिस्तान को इस मामले पर दुनिया से नाम मात्र का भी समर्थन हासिल नहीं होने वाला।
पाक की एक नहीं चली, होना पड़ा चुप
UNSC में आलोचना का सामना करने के बावजूद, पाकिस्तान ने बैठक के नतीजों पर संतोष जताया। उसके प्रतिनिधियों ने दावा किया कि उन्होंने जिस वजह से मीटिंग के लिए गुहार लगाई थी वह पूरी हो गई है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा, “हम टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार हैं।” उन्होंने सिंधु जल संधि को भारत द्वारा निलंबित किए जाने पर भी बात की और इस बात पर जोर दिया कि “पानी जीवन है, हथियार नहीं।” हालांकि 26 मासूमों का जीवन छीनने वाले पाकिस्तान परस्त आतंकियों पर उनसे एक शब्द नहीं बोला गया।