इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी इस समय आधे पेट सोने को मजबूर है। इसका कारण है महंगाई जो हर दिन के साथ गंभीर और कष्टदायी होती जा रही है। कर्ज का बोझ और नकदी की किल्लत, पाकिस्तान एक चुनौती से निपटता तो है दूसरी सामने खड़ी हो जाती है। गेहूं से लेकर मच्छरदानी तक वह पूरी तरह विदेशी मदद पर निर्भर है। पिछले साल आई भयानक बाढ़ अपने साथ 20 लाख एकड़ फसल बहा ले गई थी। भुखमरी की कगार पर खड़ा पाकिस्तान रूस से गेंहू खरीद रहा है। लेकिन गेंहू खरीदने के लिए कंगाल पाकिस्तान के पास आखिर पैसे कहां से आ रहे हैं?
बाढ़ से गेहूं की फसल बर्बाद होने और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण देश भर में आटे के संकट के बीच पाकिस्तान ने 35,000 टन रूसी गेंहू की पहली खेप प्राप्त की। पाकिस्तान के खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए इसकी जानकारी दी। पाकिस्तान में आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं। कई इलाकों में आटा 150 से 200 रुपए प्रति किलो के दाम पर बिक रहा है। 20 किग्रा आटे का पैकेट पाकिस्तान में 2800 से 3000 रुपए में बिक रहा है।
यूक्रेन को हथियार भेजने की तैयारी
सनद रहे कि रूस से गेहूं खरीदने के लिए पाकिस्तान यूक्रेन को हथियार बेचकर पैसे जुटा रहा है। मामले से वाक़िफ़ लोगों ने बताया कि पाकिस्तान इस महीने पोलैंड में एक बंदरगाह के जरिए प्रोजेक्टाइल और प्राइमर सहित गोला-बारूद के 159 कंटेनर यूक्रेन भेजने की योजना बना रहा है। रूस और यूक्रेन की दुश्मनी से पूरी दुनिया वाक़िफ़ है। ऐसे में रूस से गेहूं लेकर उसके सबसे बड़े दुश्मन को हथियार बेचना पाकिस्तान के ‘दोहरे चरित्र’ को उजागर करता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की आलोचना से फेरा मुंह
पाकिस्तान की एक शिपिंग और ब्रोकरेज फर्म, Project Shipping, जनवरी के आखिर में यूक्रेन के लिए कराची बंदरगाह से पोलैंड में ग्दान्स्क बंदरगाह तक गोला-बारूद के 159 कंटेनर भेजने की योजना बना रही है। पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो रूस-यूक्रेन युद्ध की आलोचना करने से बच रहे हैं। फिलहाल उसका सारा फोकस देश की आर्थिक हालत सुधारने पर है। इसके लिए वह सऊदी अरब से लेकर चीन और रूस से लेकर यूक्रेन के आगे हाथ फैलाए खड़ा है।
पाकिस्तान में क्या हो रहा है?
पाकिस्तान ने बचत के लिए तरह-तरह के उपाय किए हैं। बिजली बचाने के लिए बाजारों को रात 8 बजे बंद करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसा करके वह 30 फीसदी बिजली यानी 6200 करोड़ रुपए की बचत करने की योजना बना रहा है। देश में कमर्शियल गैस सिलेंडर 10 हजार रुपए में बिक रहा है। इसलिए लोग सिलेंडर के बजाय प्लास्टिक बैग में गैस भर रहे हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 6.7 अरब डॉलर तक गिर गया है। हालत यह है कि सरकार के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं।