पाकिस्तान में महंगाई का आलम इस कदर है कि एक प्लेट बिरयानी तक के लिए दंगा हो जा रहा है तो वहीं गेहूं के एक कट्टे के लिए लोग एक दूसरे को नाले में फेंक दे रहे हैं. शहबाज सरकार स्थिति को कंट्रोल करने में बिल्कुल नाकाम है.
गेहूं के कट्टे के लिए इकट्ठा भीड़
पाकिस्तान इस समय बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे इस देश की हालत लगातार खराब होती जा रही है. महंगाई चरम पर पहुंच गई. बुनियादी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. यूं कह लें की पाकिस्तान के सामने संकट की संकट है. चाहे वह आर्थिक संकट हो या खाद्य संकट, राजनीतिक संकट हो या सुरक्षा का संकट…पाकिस्तान हर तरफ एक नाजूक मोड़ पर खड़ा है.
शहबाज सरकार को समझ नहीं आ रहा कि आखिर वो करे तो करे क्या. जानकारों की माने तो पाकिस्तान की स्थिति फिलहाल सुधरने वाली नहीं है. ऐसे में अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज प्रोग्राम के डायरेक्टर प्रोफेसर मुक्तदर खान ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस समय एक नाजूक मोड़ पर खड़ा है. भारत अगर चाहे को उस पर चढ़ाई कर सकता है.
इन 6 संकटों का सामना कर रहा PAK
उन्होंने कहा कि इस समय युद्ध का ऐलान कर पीओके और बाकी इलाकों को अपने में मिला सकता है क्योंकि पाकिस्तान हर तरफ से कमजोर हो चुका है. वह छह प्रकार के संकट का सामना कर रहा है. इस दौरान उन्होंने राजनीतिक संकट, आर्थिक संकट, सुरक्षा का संकट, सिस्टम का संकट, पहचान का संकट और पर्यावरण संकट का हवाला दिया.
भुखमरी की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान
पाकिस्तान में मौजूदा हालात बद से बदतर हैं. पाकिस्तान में इस समय कंगाली छाई हुई है. खाने तक के लाले पड़ रहे हैं. देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ गई. खाद्य पदार्थों की कीमतों में 20 से 31 फीसदी तक वृद्धि हुई है. वहीं अगर पाकिस्तान की गरीबी दर की बात करें तो इसमें भी इजाफा हुआ है. पाकिस्तान में गरीबी दर में 35.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडा 85.75 करोड़ डॉलर के करीब बचा है, जबकि देश पर 270 अरब डॉलर का कर्ज है.