नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान (India Vs Pakistan) के बीच बीते 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद से तनाव है और ये लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत ने हमले के बाद कड़े फैसले लिए, तो पाकिस्तान की ओर से भी गीदड़भभकी दी जा रही है. लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो Pakistan की पोल खुल जाती है. जी हां, सैन्य खर्च के मामले में भारत के आगे पाकिस्तान दूर-दूर तक नहीं टिकता. इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान के मुकाबले करीब 9 गुना ज्यादा है. आइए आंकड़ों के जरिए समझते हैं…
PAK से नौ गुना ज्यादा भारत का सैन्य खर्च
पहलगाम हमले के बाद भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत की ओर से लिए गए एक्शन के जबाव में परमाणु हमले तक की धमकी देने लगा है. लेकिन आपको बता दें कि भले पाकिस्तान ऐसी गीदड़भभकियां दे रहा है, लेकिन भारतीय सेना के आगे वो कहीं नहीं टिकता. इतिहास पर नजर डालें, तो अब तक दोनों देशों के बीच हुए युद्धों में उसे हार का ही सामना करना पड़ा है.
लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान की हालत स्वीडन के प्रमुख थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में लगाया जा सकता है, जिसके मुताबिक बीते साल 2024 में भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान के खर्च से करीब नौ गुना ज्यादा रहा है. यह रिपोर्ट पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है.
तनाव के बीच आई SIPRI की रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव चरम पर है और ऐसे में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ये रिपोर्ट भारत की हिम्मत और ताकत दर्शाने वाली है, जबकि पाकिस्तान को झटका देने वाली है. इसमें बताया गया है कि भारत ने पिछले साल अपनी सेना पर 86.1 अरब डॉलर (करीब 7,32,453 करोड़ रुपये) खर्च किए और ये आंकड़ा इससे पिले साल 2023 की तुलना में 1.6 फीसदी ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान का मिलिट्री बजट इसके मुकाबले बेहद कम 10.2 अरब डॉलर (लगभग 2,85,397 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का रहा है.
सैन्य खर्च के मामले में भारत 5वें पायदान पर
भारत अपनी सेना और हथियारों पर भारी-भरकम खर्च करता है और फिलहाल दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है. अगर टॉप-5 देशों को देखें, तो इस मामले में पहले पायदान पर अमेरिका (America), दूसरे नंबर पर चीन (China), तीसरे पर रूस (Russia), चौथे पर जर्मनी (Germany) है और इसके बाद भारत पांचवें नंबर पर शामिल है. कुल वैश्विक सैन्य खर्च में इन पांचों देशों की 60 फीसदी हिस्सेदारी है और इनका कुल बजट 1635 अरब डॉलर का है.
चीन लगातार बढ़ा रहा अपनी क्षमता
सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान के मुकाबले लगभग नौ गुना ज्यादा है. तो वहीं चीन लगातार सेना और हथियारों के साथ ही मिलिट्री डेवलपमेंट पर अपना खर्च बढ़ाता जा रहा है और 7 फीसदी के इजाफे के साथ अब ये अनुमानित 314 अरब डॉलर हो गया है. जो अकेले पूरे एशिया और ओशिनिया में कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा होता है. SIPRI के मुताबिक, चीन ने अपनी सेना के आधुनिकीकरण के साथ ही Cyber War क्षमताओं और अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को मजबूत करना जारी रखा है.
यूरोपीय देशों ने भी बढ़ाया खर्च
सीपरी ने ‘Trends in World Military Expenditure 2024’ रिपोर्ट में कहा है कि यूरोप में भी सैन्य खर्च में बड़ा इजाफा देखने को मिला है और ये 17 फीसदी बढ़ा है. रूस का मिलिट्री खर्च 38 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अब करीब 149 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. SIPRI के सीनियर रिसर्चर डिएगो लोपेस दा सिल्वा ने कहा है कि रूस ने एक बार फिर अपने सैन्य व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की है. रिपोर्ट की मानें तो जर्मनी का सैन्य खर्च 28 फीसदी और पोलैंड ने अपने सैन्य खर्च में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.