नई दिल्ली : भारतीय नागरिक को आतंकी घोषित करने के पाकिस्तान के प्रयासों पर भारत ने पानी फेर दिया है. इस काम में भारत का साथ चार और देशों ने दिया. पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक गोबिंदा पटनायक दुग्गीवलासा को आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश किया था.
पाकिस्तान चाहता था कि दुग्गीवलासा को यूएन के अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की सूची में शामिल किया जाए लेकिन भारत ने उसके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया. पाकिस्तान का कहना है कि दुग्गीवलासा उनके देश में हुए आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं इसलिए यूएन के सुरक्षा परिषद की 1267 समिति इस प्रस्ताव को पारित कर उन्हें आतंकी घोषित करे.
ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और अल्बानिया ने किया भारत का समर्थन
पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को खारिज करने में जिन चार देशों ने भारत का साथ दिया, वे ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और अल्बानिया हैं. इनमें से तीन देश ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं जबकि अल्बानिया इस महीने सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष राष्ट्र है. 2020 में भी भारत सहित इन्हीं पांच देशों ने दुग्गीवलासा को आतंकी घोषित करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
दुग्गीवलासा को एक बार फिर अतंरराष्ट्रीय आतंकियों की सूची में शामिल कराने के पाकिस्तान के प्रयास को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समय की बर्बादी के तौर पर देखा जा रहा है.
इस पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद पर 1267 विशेष प्रक्रिया को धार्मिक रंग देकर इसका राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रहा है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब पिछले हफ्ते चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के दूसरी कमान के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल कराने के भारत के प्रयासों पर अड़ंगा लगा दिया था.
यह प्रस्ताव संयुक्त रूप से भारत और अमेरिका ने एक जून को पेश किया था और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 समिति के सदस्यों को सर्कुलेट किया गया था.
अमेरिका ने मक्की पर 20 लाख डॉलर का इनाम रखा है. अमेरिका और भारत की सरकारों ने घरेलू नियमों के तहत उसे आतंकी घोषित किया है. वह 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का संबंधी है और अलकायदा के अयमान अल-जवाहिरी और तालिबान के आकाओं से उसके करीबी संबंध हैं. मक्की के पक्ष में चीन के इस कदम को यूएन में पाकिस्तान के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है.
कौन है गोबिंदा पटनायक दुग्गीवलासा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोबिंदा पटनायक दुग्गीवलासा काबुल में एक कंसल्टिंग कंपनी में काम करता था. भारतीय सुरक्षाबलों ने उन्हें 17 नवंबर 2019 को काबुल से सुरक्षित बाहर निकाला था क्योंकि ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि पाकिस्तानी एजेंसियां उन्हें अगवा कर सकती हैं. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान की चीन की मदद से दुग्गीवलासा को आतंकी के तौर पर प्रोजेक्ट करने की योजना थी.