भोपाल: मध्य प्रदेश के करीब 10 लाख वाहनों में जीपीएस के साथ पैनिक बटन लगाए जाने हैं। ताकि, सफर के दौरान जरूरत पड़ने पर तत्काल पुलिस बलुई जा सके। इस व्यवस्था से बसों में अकेले सफर करने वाली महिला यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी।
परिवहन विभाग ने यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) और पैनिक बटन लगाने के निर्देश दो साल पहले 2022 में दिए थे। इसके लिए चार कंपनियां भी निर्धारित कर दी गईं थीं। वाहन मालिक साढ़े छह हजार रुपए खर्च कर दोनों डिवाइस लगवा सकते हैं। हालांकि, इस डिवाइस को लेकर न वाहन मालिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं और न ही विभागीय अफसर। इस पर परिवहन आयुक्त ने चिंता जताई है।
यह काम करता है पैनिक बटन
सरकार ने यात्री बसों पर नजर रखने भोपाल में 15 करोड़ 40 लाख की लागत से कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया है। बस में लगे पैनिक बटन दबाने पर कंट्रोल रूम में अलर्ट पहुंचेगा। यहां से संबंधित थाने की पुलिस को सूचित कर जरूरतमंद को त्वरित मदद पहुंचाई जाएगी।
भोपाल आरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण
शुक्रवार दोपहर भोपाल के कोकता स्थित आरटीओ कार्यालय औचक निरीक्षण पर पहुंचे परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता ने बसों में जीपीएस और पैनिक बटन लगाए जाने सख्त निर्देश दिए हैं। कहा, जिन यात्री वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन नहीं लगे, उनमें सख्ती पूर्वक लगवाएं। ताकि, जरूरत पड़ने पर महिला यात्री पुलिस की मदद ले सकें। आरटीओ से कहा, जब तक बसों में डिवाइस न लग जाती, सेंटर से नजर नहीं पाएंगे।
ड्राइविंग लाइसेंस से होगा ट्रायल, कोकता में बना ट्रैक
परिवहन आयुक्त शुक्रवार को आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर पहुंचे। यहां वाहनों की टेस्टिंग के लिए बनाया गया ट्रैक शुरू कराने के निर्देश दिए। आरटीओ संजय तिवारी से कहा, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले ट्रैक पर लोगों से वाहन चलवाकर देखें। दोबारा प्रस्ताव भेजकर एनआईसी की मदद से इसे जल्द शुरू कराने के निर्देश दिए।
आरटीओ कर्मचारी व आवेदकों से जानी समस्या
परिवहन आयुक्त ने कर्मचारियों से बातचीत कर विभागीय कामकाज की जानकारी ली। इसके बाद सभी को समय पर काम करने के निर्देश दिए। आरटीओ संजय तिवारी ने बताया, परिवहन आयुक्त का सामान्य निरीक्षण था। उन्होंने आरटीओ का कामकाज देखा, जो निर्देश मिले हैं. उन पर अमल किया जाएगा।