इंदौर। मंगलवार को सरकार ने एक बार फिर सरकारी गोदामों के गेहूं की खुले बाजार में बिक्री (ओएमएसएस) का ऐलान कर दिया। इससे पहले तीन सप्ताह के भीतर सरकार दो बार सरकारी गेहूं को खुले बाजार में लाने का ऐलान कर चुकी है। इस तरह सरकारी गोदामों से कुल 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में आ जाएगा। पहले दौर की नीलामी 1 फरवरी को हुई थी। दूसरे दौर की नीलामी 15 फरवरी को। इसमें सरकार ने कीमतों में कटौती भी कर दी थी।
सरकारी की इस ताबड़तोड़ बिक्री के बाद बाजार में घबराहट है। दरअसल पहली और दूसरी बिक्री के बीच सरकार ने दामों में गिरावट की थी। दाम 2125 रुपये तक नीचे कर दिए गए हैं। ऐसे में मिल और व्यापारी फिर से आशंकित है कि तीसरे दौर में भी सरकार कीमतों में और गिरावट कर सकती है। ऐसे में मंडी और बाजारों में अब गेहूं की लेवाली अटकने लगी है। माना जा रहा है कि सरकार खुले बाजार में गेहूं की कीमतें 2000 रुपये क्विंटल के आसपास रखना चाहती है। दरअसल एमएसपी पर सरकारी खरीदी में इस बार सरकार को अपने गोदाम भरने की चिंता है।
बीते वर्ष बेहतर निर्यात और बाजार में ऊंचे दाम के कारण सरकारी बिक्री में कम किसानों ने गेहूं तुलवाए थे। ऐसे में इस बार सरकार किसी भी स्थिति में गेहूं के बाजार में दामों को नीचे रखना चाह रही है। व्यापारियों में डर है कि यदि कीमतें सरकारी बिक्री की घोषणा के बाद भी ऊंची बनी रही तो सरकार स्टाक लिमिट लगाने जैसे कठोर कदम भी उठा सकती है।
ऐसे में आगे कि गिरावट देखकर फिलहाल बाजार में मिलों ने भी खरीदी सीमित कर दी है। इंदौर में मिल क्वालिटी गेहूं 2200 और लोकवन 2450 रुपये के दाम पर बिक रहा है। आगे दामों में और गिरावट मानी जा रही है। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इस सप्ताह आटा मिलें भी दाम कम कर सकती है।