कोलकाता: पश्चिम बंगाल में माओवादियों के एक बार फिर से संगठित होने की खबरें आ रही हैं। झारखंड की सीमा पर गतिविधियां बढ़ गई हैं। पिछले तीन हफ्तों में झारखंड की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के पश्चिमी जिलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम वाले हाथ से लिखे पोस्टर दिख रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार हाई अलर्ट पर है। राज्य में 11 साल बाद माओवाद को लेकर हलचल दिख रही है। पिछले दिनों कई टीएमएसी नेताओं से राज्य सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी की थी।
यह सब माओवादी कमांडर मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी (55) के नवंबर 2011 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के 11 साल बाद सामने आया है।माना जाता है कि भाकपा (माओवादी) के पोलित ब्यूरो और केंद्रीय सैन्य आयोग के सदस्य की मौत ने पश्चिम बंगाल में सशस्त्र आंदोलन को समाप्त कर दिया था जो वाम मोर्चे के 34 साल लंबे शासन के अंतिम दशक के दौरान शुरू हुआ था।
झारग्राम जिले के बेलपहाड़ी जंगलों में 7 अप्रैल को लैंडलाइन मिलने के बाद राज्य सरकार ने पांच जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया था। राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए क्षेत्र का दौरा किया था। कुछ दिनों बाद, झारग्राम और बांकुरा जिलों में स्थानीय टीएमसी नेताओं और सरकार के लिए धमकी भरे संदेशों वाले माओवादी पोस्टर मिले।
क्या देवचा पचमी में कोयले की खान है वजह?
इसके पीछे की एक बड़ी वजह देवचा पचमी में कोयले की खान हो सकती है। अधिकारियों का कहना है बीरभूम के देवचा पचमी में राज्य सरकार आने वाले समय में कोयला खनन की काम शुरू करा सकती है। इस क्षेत्र में आदिवासियों की काफी ज्यादा है जो लगभग 3,400 एकड़ में फैले हुए हैं। जिला प्रशासन इसका अधिग्रहण करना चाहता है। हालांकि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुनर्वास और भूमि के मुआवजे के साथ-साथ 100,000 स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है। आदिवासी निकायों और अधिकार समूहों ने 35,000 करोड़ रुपये की कोयला परियोजना का विरोध किया है। कहा जाता है कि ये देश की सबसे बड़ी परियोजना होगी।
टीएमसी नेता मांग रहे सुरक्षा
पिछले महीने माओवादियों ने झारग्राम में बंद का आह्वान किया था जो सफल रहा। बाद में राज्य प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी और राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने भी जंगलमहल जिलों का दौरा किया। राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों के सभी अवकाश भी रद्द कर दिए हैं। क्षेत्र में माओवादी हमलों की संभावना है, इसलिए सत्तारूढ़ टीएमसी (TMC) के नेता अतिरिक्त सुरक्षा की मांग करने लगे हैं। बांकुरा जिले में पुलिस सूत्रों ने कहा कि रानीबंध ब्लॉक के पांच तृणमूल नेताओं ने व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए बांकुरा के पुलिस अधीक्षक के पास आवेदन दिया है। हालांकि बांकुरा जिला पुलिस ने अभी तक इस घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की है।