मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
मुंबई/देहरादून: मुंबई में हुए ग्रैंड फिनाले में उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले के पवनदीप राजन ने इंडियन आइडल 12 का खिताब जीत लिया है. उनके परफॉर्मेंस को देखते हुए उनको शुरू से ही खिताब का प्रबल दावेदार मना जा रहा था. अपनी गायकी और संगीत की वजह से पवनदीप ने सभी का दिल जीता लिया है. दुसरे नंबर पर रही अरुणिता कंजीलाल और तीसरे नंबर पर रही सायली कांबले.
दक्षिण भारत की शनमुखप्रिया छठे नंबर पर रहीं. उनके बाद 5वें पर निहाल टोरो, मोहम्मद दानिश चौथे नंबर पर, सायली कांबले सेकंड रनरअप बनीं और अरुणिता फर्स्ट रनरअप बन पाईं. दूसरी ओर पवनदीप की जीत पर उनकी ऑडियंस में बैठी उनकी मां काफी भावुक हो गईं उनके आँखों में आंसू थे. पवनदीप ने ‘इंडियन आइडल 12’ की ट्रॉफी के अलावा स्विफ्ट कार और 25 लाख रुपये भी ईनाम के तौर पर जीते हैं. वहीँ पवनदीप राजन की जीत के बाद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पवनदीप की जीत पर ट्वीट कर बधाई व् शुभकामनायें दी हैं.
ग्रैंड फिनाले के दौरान ये हस्तियां रहीं मौजूद और इन्होने हौसला बढ़ाया-
इस ग्रैंड फिनाले एपिसोड में जहां एक ओर सभी सितारों के परिवार के सदस्य इन्हें सपोर्ट करने के लिए पहुंचे. वहीं, इनके अलावा सिद्धार्थ मल्होत्रा, अनु मलिक, सोनू कक्कड़ और हिमेश रेशमिया, उदित नारायण, अलका याग्निक, कुमार सानू, विशाल ददलानी, मीका सिंह, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, जय भानूशाली, द ग्रेट खली, कियारा आडवाणी और जावेद अली भी इनका हौसला बढ़ाने के लिए शो में पहुंचे.इस बार ग्रैंड फ़िनलाले को 12 घंटे तक खींचा गया. और सभी प्रतियोगी काफी परफेक्ट थे और सभी 6 प्रतियोगियों अपने परफॉर्मेंस से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा.
पवनदीप राजन कौन है ?
पवनदीप राजन का जन्म 27 जुलाई 1996 को उत्तराखंड के चंपावत में हुआ था। उन्होंने बचपन में संगीत की यात्रा शुरू की। उनके पिता एक प्रसिद्ध कुमाउँनी गायक हैं और उन्होंने पवन के गायन वाहक की सफलता के लिए बहुत काम किया। पवन की प्रतिभा को पहचानते हुए, उनके पिता ने उन्हें तबला भेंट किया, जब वह सिर्फ डेढ़ साल के थे। पवनदीप संगीत क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
अगस्त 2015 में, भव्य समापन समारोह में पवनदीप राजन को गायन रियलिटी श्रृंखला, ‘द वॉयस इंडिया’ का विजेता घोषित किया गया। यह शो “एंड टीवी” पर प्रसारित किया गया था। शो के दौरान, उन्हें शान की टीम के सदस्य के रूप में चुना गया। उन्होंने तीन अन्य फाइनलिस्टों को हराया, जिनमें से प्रत्येक ने कोच सुनिधि चौहान, मीका और हिमेश रेशमिया की टीमों को श्रृंखला के पहले संस्करण का खिताब दिलाया। “द वॉयस इंडिया” जीतने के लिए, पवनदीप को कई भव्य पुरस्कार मिले, सबसे पहले, उन्होंने & TV, एक मारुति ऑल्टो K10 से 50 लाख रुपये और म्यूजिक लेबल यूनिवर्सल के साथ अपना पहला रिकॉर्ड बनाने के लिए एक सौदा किया।
पवनदीप चंपावत जिले के उत्तराखंड राज्य के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हैं. जो अपनी गायकी से लोगों को दीवाना बना देता है, पवनदीप को बचपन से ही गाने का बहुत शौक था और उनके पिता ने भी गायन में उनका साथ दिया। बचपन से लगातार गायन का अभ्यास करते हुए, पवनदीप राजन ने द वॉइस ऑफ़ इंडिया की उपाधि ली । खिताब जीतने के बाद पवनदीप गुमनामी की जिंदगी से बाहर आ गए थे, अब उनकी मुंबई में एक अलग पहचान थी।
उन्हें काम मिलना शुरू हो गया और उन्हें अपनी गायकी से और भी ज्यादा मजा आने लगा। मार्च 2020 में लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने अपने स्वयं के YouTube चैनल पर बहुत सारे गीतों की रचना की और शूटिंग की, जहां उन्हें लोगों का प्यार मिला और अच्छे विचार भी मिले। इस वर्ष वह एक प्रतियोगी के रूप में इंडियन आइडल सीजन 12 में भाग लेने पहुंचे और विजेता बन कर आये.
पवनदीप राजन की ऊंचाई 5 फीट 5 इंच (150 सेमी) है। उसका वजन 61 किलोग्राम (पाउंड 132 पाउंड में) है। उन्हें बॉलीवुड गाना गाना पसंद है। वह भूरी आँखों के साथ भूरे बालों के साथ सुंदर दिखता है। उसके दोनों हाथों पर एक टैटू है।
सेंटीमीटर में ऊँचाई 150 से.मी. मीटर में 1.50 मी फीट इंच में ऊंचाई 5 ′ 5 ”फीट किलोग्राम में वजन 61 किग्रा वजन पाउंड में 132 एलबीएस आंख का रंग भूरा बालों का रंग भूरा
पवनदीप राजन के शौक हैं. जैसे, उनके शौक गाने का रहा है और संगीत सुनने का रहा है. उन्हें पिकनिक पर जाना बहुत पसंद है। उनका पसंदीदा रंग सफेद है।
संगीत कैरियर:
2019 में पवन ने एक भक्ति फिल्म के लिए एक भक्ति गीत (शबद), “दीवाली दी रात”, “दास्तान – ई – मिरि पीरी” गाया। पवन को फिल्म श्री में एक संगीत निर्देशक के रूप में भी ब्रेक मिला। महेश मांजरेकर 2020 में पवनदीप ने इंडियन आइडल 12 के लिए ऑडिशन दिया और शीर्ष प्रतियोगियों में से चुने गए।उत्तराखंड पवनदीप राजन की घाटियां जो एक स्व-सीखा गायक और संगीतकार हैं। वह सलमान खान, रणबीर कपूर, अक्षय कुमार के लिए पार्श्वगायक करना चाहते हैं।
पवनदीप राजन के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
उनका जन्म चंपावत, उत्तराखंड, भारत में एक संगीतकार परिवार में हुआ था।
उनके पिता, सुरेश राजन जो एक गायक (कुमाउनी गायक) भी हैं
पवन एक प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं और उन्हें संगीत का गहरा ज्ञान है।
वह सभी धर्मों को मानता है।
पवनदीप एक महान तबला वादक हैं।
उन्होंने ढाई साल की उम्र में “यंगेस्ट तबला प्लेयर” का खिताब जीता था।
उनका गाँव हमेशा उनका समर्थन करता है, वे प्रकृति में बहुत सहायक हैं। वह अपने गांव के मौसम को बदल देगा। वे उत्साहित थे जब उन्हें पता चला कि उन्हें भारतीय मूर्ति 2020 के लिए चुना गया है और उल्लेख किया है कि उन्हें आइडल 2020 जीतने के बाद गांव लौट जाना चाहिए।
उनके आदर्श उस्ताद नुसरत फतेह अली खान हैं।
वह बॉलीवुड में पार्श्व गायक बनना चाहते हैं।
पवनदीप संगीत क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
विभिन्न भाषाओं में प्लेबैक सिंंगिंंग करते हैं पवन-
कुमाऊंनी, गढ़वाली, पंजाबी फीचर फिल्मों की एलबम आदि में भी प्लेबैक सिंगिंग भी करते हैं। अब उन्होंने अपनी गायिकी का जलवा इंडियन ऑयडल सीजन 12 में दिखाना शुरू कर दिया है। उनके पिता सुरेश राजन ने बताया कि महज ढ़ाई साल की उम्र में पवन ने लोहाघाट नगर से लगे रायनगर चौड़ी गांव की रामलीला में तबला बजाकर सबको हैरत में डाल दिया। दो साल आठ माह की उम्र में वर्ष 1998 में उसने चम्पावत में आयोजित कुमाऊं महोत्सव में भी तबला बजाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। डेढ़ साल की उम्र से ही उसके ताऊ सतीश राजन ने उसे संगीत की रियाज देनी शुरू कर दी थी। पवन दीप राजन को संगीत विरासत में मिला था। उसके दादा जी स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोकगायक थे। पवनदीप फिल्म निर्माता निर्देशक प्रहलाद निहलानी, गायक सोनू निगम, अदनान सामी समेत अभिनेता गोविंदा, बॉबी देओल सहित कई नामचीन हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं।
चम्पावत के गुमदेश पट्टी के वल्चौड़ा गांव के रहने वाले हैं पवनदीप-
प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोग गायक पवनदीप राजन का जन्म वर्ष 1996 में चम्पावत जिले के वल्चौड़ा गांव गुमदेश पट्टी में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा जिले में ही हुई। बचपन से ही उनकी रूचि संगीत में थी। उनके पिता सुरेश राजन व ताऊ सतीश राजन ने बचपन से ही संगीत की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। आठ साल की उम्र में उन्होंने पहाड़ी गीत गाकर संगीत की दुनियां में कदम रखा। पवन ने चम्पावत के अपने घर में ही स्टूडियो खोला है। जहां कोविड काल में जागरूकता गीत रिकार्डिंग कर उन्होंने लोगों को कोरोना से बचने का संदेश दिया।