ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में होने वाले क्रिकेट के महामुकाबले यानी भारत और पाकिस्तान के मैच में सिर्फ 4 दिन का वक्त ही बचा है. वर्ल्ड कप के इस मैच का सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमी इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इस मैच से पहले दोनों देशों के बीच एक दूसरा मुकाबला शुरू हो गया है. इस मुकाबले में पाकिस्तान भारत के सामने दूर-दूर तक नहीं टिकता. क्योंकि ये मैच असली पिच पर खिलाड़ियों के बीच नहीं. सियासी पिच पर BCCI और PCB के बीच खेला जा रहा है. दरअसल पाकिस्तान वर्ष 2023 यानी अगले साल होने वाले एशिया कप की मेजबानी कर रहा है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि एशिया कप का आयोजन होगा, तो भारत भी वहां खेलने पहुंचेगा. लेकिन कल एशियन क्रिकेट काउंसिल यानी ACC के चेयरमैन और BCCI के सेकेट्री जय शाह ने स्पष्ट कर दिया कि टीम इंडिया पाकिस्तान क्रिकेट खेलने नहीं जाएगी. इसलिए टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर किसी दूसरे देश में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
पाकिस्तान की गीदड़भभकी
ये पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के लिए बहुत बड़ा झटका था. क्योंकि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस टूर्नामेंट के जरिए ही सही वो टीम इंडिया की 15 साल बाद मेजबानी कर सकेगा. इस एक मैच से ही वो काफी मालामाल हो सकता था. यही नहीं उसके ऊपर डेंजरस कंट्री होने का जो टैग लगा है, वो भी हट जाता. जय शाह के दो टूक जवाब के बाद पाकिस्तान को कुछ नहीं सूझा तो उसने भी गीदड़भभकी दी और कहा कि अगर भारत एशिया कप के लिए अपनी टीम नहीं भेजेगा तो. पाकिस्तान भी भारत में होने वाले वनडे वर्ल्डकप के लिए अपनी टीम इंडिया नहीं भेजेगा.
भारत की वजह से जिंदा है पाक क्रिकेट!
अब सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान इस हालत में भी है कि वो धमकी दे सके. वो भी दुनिया के सबसे बड़े और सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड यानी BCCI को. सवाल ये भी है कि क्या पाकिस्तान की इतनी हैसियत भी है कि वो वर्ल्ड कप का बायकाट कर सके. क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी PCB के अध्यक्ष रमीज़ रजा ख़ुद मानते हैं कि आज अगर पाकिस्तान का क्रिकेट ज़िन्दा है तो उसकी वजह है भारत. वैसे सिर्प पाकिस्तान ही नहीं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, और श्रीलंका जैसे देशों के क्रिकेट बोर्ड भी कमाई के लिए भारत और BCCI के भरोसे रहते हैं. क्योंकि टीम इंडिया के साथ सिर्फ एक सीरीज या दौरे से ही उनकी इतनी कमाई हो जाती है, जितनी वो दूसरे देशों के साथ क्रिकेट खेलकर दो या तीन साल में भी नहीं कमा पाते. इसीलिए इन देशों को भारत की मेजबानी करने या भारत आकर क्रिकेट खेलने का इंतजार रहता है.
टूट गया पाकिस्तान का ख्वाब
पाकिस्तान को भी यही उम्मीद थी कि भारत की मेजबानी से उसे अच्छी खासी कमाई हो जाएगी. लेकिन BCCI ने मालामाल होने के उसके सारे ख़्वाब तोड़ दिए. आज सच्चाई ये है कि अगर आज पाकिस्तान चाहे भी तो वो बिना भारत के एशिया कप होस्ट नहीं कर सकता. फिलहाल एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष बीसीसीआई के जय शाह हैं. जबकि काउंसिल के बाकी मेम्बर भी भारत को नाराज़ कर पाकिस्तान का साथ नहीं देंगे. श्रीलंका का क्रिकेट बोर्ड पहले ही बीसीसीआई को अपना बड़ा भाई बताता रहा है, जबकि बांग्लादेश की भी यही स्थिति है. अफ़गानिस्तान के क्रिकेटर तो भारत में ही क्रिकेट सीखते हैं और प्रैक्टिस करते हैं और उनकी ट्रेनिंग और दूसरी सुविधाओं के लिए भी BCCI ने काफी मदद की है.
भारत क्रिकेट की दुनिया का बादशाह
यानी मतलब स्पष्ट है कि अगर एशिया कप में भारत नहीं खेला तो इस टूर्नामेंट के मायने ही खत्म हो जाएंगे. इसीलिए रमीज़ रजा भले ही अकड़ दिखा रहे हों कि जनाब हम भी वर्ल्ड कप नहीं खेलेंगे. लेकिन वहां के लोग असलियत जानते हैं. BCCI, पाकिस्तान के बोर्ड से करीब 20 गुना ज्यादा अमीर है. BCCI की वैल्यू 15 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा है. वो दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. जबकि PCB की वैल्यू सिर्फ़ 800 करोड़ रुपये के आसपास ही है. यही नहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की कुल हैसियत करीब 28,00 करोड़, और ECB यानी इंग्लैड क्रिकेट बोर्ड की कुल वैल्यू भी लगभग 21 करोड़ रुपये के आसपास ही है. यानी ये भी भारत से काफी पीछे हैं.
ICC भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकता
अब पाकिस्तान धमकी दे रहा है कि वो इस मामले को ICC के पास ले जाएगा. लेकिन वहां भी उसकी कोई सुनेगा इसकी उम्मीद न के बराबर ही है. क्योंकि भारतीय टीम अगर सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान जाने से इनकार करती है तो दुनिया का कोई भी देश इस फैसले पर सवाल नहीं उठा सकता है. आपको याद ही होगा कि कुछ वक्त पहले न्यूज़ीलैंड ने मैच शुरू होने से सिर्फ़ आधे घंटे पहले ही अपनी टीम को पाकिस्तान से वापस बुला लिया था. इसके अलावा इंग्लैंड भी सुरक्षा कारणों की वजह से अपना पाकिस्तान दौरा कई बार रद्द कर चुका है. हालांकि इसके बाद पाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों को होस्ट कर चुका है, लेकिन वहां के जो हालात हैं, वो किसी से भी छिपे नहीं हैं.
पाकिस्तान को आंतकवाद की फैक्ट्री?
आज पाकिस्तान को आंतकवाद की फैक्ट्री माना जाता है. यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पाकिस्तान को खतरनाक देश बता चुके हैं. यही नहीं पाकिस्तान आज भी कश्मीर में आतंकवाद फैला रहा है और इसलिए भारत के पास अधिकार है कि वो सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दे. लेकिन पाकिस्तान के लिए वर्ल्ड कप का बायकॉट करना मुश्किल है. क्योंकि वर्ल्ड कप ICC का टूर्नामेंट है, और ICC के नियमों के तहत कोई भी देश एक दूसरे के साथ खेलने से इनकार नहीं कर सकता. अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो इसका नुकसान उसे ही होगा, भारत को नहीं. वैसे भी अगर पाकिस्तान वर्ल्डकप में न भी खेले तो उससे भारत की सेहत पर या टूर्नामेंट की सेहत पर ख़ास असर नहीं पड़ेगा.
पाकिस्तानी क्रिकेटर्स ने क्या कहा?
क्योंकि आज पूरी दुनिया में क्रिकेट से जितनी भी कमाई होती है, उसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी तो अकेले भारत की ही है. जबकि PCB का कॉन्ट्रिब्यूशन सिर्फ़ 5 प्रतिशत ही है. अब आप समझ गए होंगे कि वर्ल्ड कप के महामुकाबले से पहले ही BCCI ने किस तरह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को शिकस्त दे दी है. इस झटके का दर्द आप पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर्स के बयानों से भी साफ़ समझ सकते हैं. शाहिद अफ़रीदी ने इसे BCCI की अनुभवहीनता बताया तो मोहम्मद आसिफ़ ने कह डाला कि पाकिस्तान को भी वर्ल्ड कप नहीं खेलना चाहिए. एक वर्ल्ड कप नहीं खेले तो कयामत नहीं आ जाएगी…?