नई दिल्ली: कर्नाटक में लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि का फैसला किया है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार कर्नाटक में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग 3 और 3.05 रुपये तक बढ़ने की संभावना है क्योंकि राज्य सरकार ने 15 जून से टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है।
अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार ने पेट्रोल पर सेल्स टैक्स 25.92 प्रतिशत से बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत कर दिया है, जबकि डीजल पर टैक्स 14.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.4 प्रतिशत कर दिया गया है। सेल्स टैक्स में वृद्धि का राज्य भर में पेट्रोल और डीजल दोनों की खुदरा कीमतों पर सीधा असर पड़ा है।
कर्नाटक के वित्त विभाग के इस कदम का उद्देश्य राज्य के लिए अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल करना है। हालांकि परिवहन और माल वितरण सहित विभिन्न क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे लागत में वृद्धि हो सकती है।
बढ़ोतरी के बाद बेंगलुरु में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत ₹102.84 हो जाएगी, जबकि पहले ₹99.84 थी। इसी तरह डीजल की कीमत में 3.02 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिससे प्रति लीटर कीमत 85.93 रुपये से बढ़कर 88.95 रुपये हो गई है। नई कीमतें आज से ही लागू होंगी और लोगों पर वित्तीय बोझ पड़ेगा।
केंद्र ने पेट्रोलियम कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में की कटौती
शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार केंद्र ने 15 जून से प्रभावी पेट्रोलियम कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 5,200 रुपये से घटाकर 3,250 भारतीय रुपये ($ 38.90) प्रति मीट्रिक टन कर दिया है।
बता दें कि विंडफॉल टैक्स में हर 15 दिन में बदलाव होता है। डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन के लिए इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ। भारत ने 1 जून को पेट्रोलियम कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 5,700 रुपये से घटाकर 5,200 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिया। जुलाई 2022 से भारत ने निजी रिफाइनरों को विनियमित करने के लिए कच्चे तेल के उत्पादन और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर कर लगाना शुरू कर दिया, जो मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन से लाभ पाने के लिए देश के बजाय विदेशों में ईंधन बेचना चाहते थे।