नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के तीन साल बाद हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 50 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की गिनती 311 से घट कर 251 पहुंच गई।
आखिर दस साल में नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की जनता के लिए क्या किया? सात वर्षों में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए क्या किया? उत्तर प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के अब तक के किए गए काम का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है। हालांकि दो चुनावों से मोदी और योगी के उत्तर प्रदेश में नंबर कम आ रहे हैं। दोनों के रिपोर्ट कार्ड में कम होती नंबरों की संख्या के बाद बीजेपी मुस्तैद है। इस बार के लोकसभा के चुनाव में पार्टी नेतृत्व कोई कसर छोड़ने की मुद्रा में नजर नहीं आ रहा है।
2014 के चुनाव में यूपी की 80 में 72 सीट BJP जीती थी
बात दस साल पहले की है। 2014 में हुए सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को अपने सर आंखों पर बिठा लिया था। इस चुनाव में प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को अकेले 72 सीटें मिली थीं। इस चुनाव के ठीक तीन साल बाद हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 311 विधायक जीत कर आए। लेकिन 2019 के लोकसभा के चुनाव में बसपा-सपा के गठबंधन के कारण बीजेपी को 11 सीटों का नुकसान हुआ। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 61 सीटें ही मिलीं।
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के तीन साल बाद हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 50 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की गिनती 311 से घट कर 251 पहुंच गई।
राम मंदिर निर्माण का फायदा पार्टी को मिलने की उम्मीद
लाजिम सी बात है, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का लोकप्रियता का ग्राफ नीचे हुआ। बीजेपी को लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से उसे इस लोकसभा के चुनाव में लाभ पहुंचेगा। लेकिन वह इसके बाद भी कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं। पार्टी ने इसी लिए छोटे राजनीतिक दलों को अहमियत दे कर उत्तर प्रदेश के जातीय गुणा-गणित को दुरुस्त करने की पुरजोर कोशिश की है। इतने के बाद भी पार्टी पूरे इत्मीनान में नजर नहीं आ रही है।
अबकी बार चार सौ पार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे को उत्तर प्रदेश की 80 में से अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करने की कोशिश में जुटे बीजेपी नेताओं ने इस सपने को साकार करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी का हर छोटे से बड़ा नेता इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है। बीजेपी की तैयारियों पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी चुटकी लेते हैं। वे कहते हैं, 2014 में प्रदेश की 72 सीटें अकेले बीजेपी ने जीतीं।
प्रत्येक सांसद ने उस वक्त एक-एक गांव गोद लिए। उन गावों का क्या हुआ? वे गोद से उतरे, या नहीं। यह यक्ष प्रश्न है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की लोकप्रियता कम हो रही है। यह हम नहीं कह रहे हैं। पाटी को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मिलने वाली सीटों की संख्या खुद इसकी मुनादी कर रहे हैं।