नई दिल्ली : अगर आप अपनी सेहत को लेकर गंभीर हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और कैंसर रिसर्च यूके के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है कि रोजाना सिर्फ एक गिलास दूध पीने से बाउल (आंत) कैंसर के खतरे को 17% तक कम किया जा सकता है.
यूके में हर साल करीब 45,000 लोग बाउल कैंसर का शिकार होते हैं, जिससे यह देश का चौथा सबसे आम कैंसर बन गया है. यह दुनिया भर में तीसरे स्थान पर आता है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि 54% मामले सिर्फ खराब जीवनशैली और खान-पान की गलतियों की वजह से होते हैं. धूम्रपान, शराब, प्रोसेस्ड मीट और एक्सरसाइज की कमी इस कैंसर के सबसे बड़े कारणों में शामिल हैं.
कैसे हुआ यह शोध?
वैज्ञानिकों ने 5.42 लाख से ज्यादा महिलाओं के जेनेटिक डेटा (DNA) और डाइट पैटर्न का अध्ययन किया. उन्होंने लैक्टेज पर्सिस्टेंस (लैक्टोज पचाने की क्षमता) से जुड़े जीन को भी परखा और पाया कि जिन लोगों ने रोजाना 244 ग्राम यानी एक बड़े गिलास दूध का सेवन किया, उनमें बाउल कैंसर का खतरा 17% तक कम था.
दूध कैसे कैंसर से बचा सकता है?
- शोधकर्ताओं के अनुसार, दूध के कैंसर-रोधी प्रभावों के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हो सकते हैं, जैसे
- कैल्शियम की अधिकता- दूध में मौजूद कैल्शियम आंतों में हानिकारक तत्वों को बांधकर उन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है.
- विटामिन डी की मौजूदगी- दूध में मिलने वाला विटामिन डी एंटी-कैंसर गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर में सेल्स के असामान्य बढ़ने से रोक सकता है.
- गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा- दूध में मौजूद लैक्टोज अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है, जो आंतों में सूजन और कैंसर सेल्स को पनपने से रोकते हैं.
- कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड- यह एक प्रकार का फैटी एसिड है, जो कैंसर के खतरे को कम कर सकता है.
क्या सभी को पीना चाहिए दूध?
हालांकि यह शोध दूध के फायदों को उजागर करता है, लेकिन लैक्टोज इन्टॉलरेंस, दूध एलर्जी या अन्य सेहत से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी डाइट में बदलाव नहीं करना चाहिए.