बलिया l उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मी लगातार तेज हो रही है. चुनाव को लेकर गांवों में प्रत्याशी सियासी समीकरण फिट करने में जुटे हुए हैं. वोटरों को लुभाने और ग्राम प्रधान की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए प्रत्याशी हर हथकंडे अपना रहे हैं. पूरी कोशिश है कि येन-केन प्रकारेण जीत का परचम फहरा दिया जाए. ऐसा ही एक मामला बलिया में सामने आया है. यहां एक शख्स ने पंचायत चुनाव लड़ने के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने का व्रत तोड़ दिया शादी रचा ली.
दरअसल मामला जिले के मुरली छपरा ब्लाक के शिवपुर करन छपरा ग्राम पंचायत का है. यहां आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प रखने वाले शख्स हाथी सिंह ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए शादी रचा ली है. इतना ही नहीं युवक में ग्राम प्रधानी हासिल करने की ऐसी तमन्ना उठी कि उसने शादी के लिए मुहूर्त को भी दरकिनार कर दिया. अब उसकी पत्नी चुनाव मैदान में है.
ग्राम प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित हुआ
दरअसल पूरा मामला आरक्षण सूची के बाद शुरू हुआ. ग्राम प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित हो गया, जिसके बाद युवक ने आनन-फानन में ये कदम उठाया. अब वो अपनी पत्नी को ग्राम प्रधान पद के लिए पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनाकर खम ठोकेंगे. हाथी सिंह लंबे अरसे से सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में काम कर रहे हैं. समाजसेवा के चलते उन्होंने विवाह न करने का भी संकल्प कर रखा था.
पिछली बार 57 वोट से हारे थे हाथी सिंह
वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें 57 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. हाथी सिंह इस बार चुनाव लड़ने और जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए हुए थे. लेकिन आरक्षण सूची ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई. अब परेशान हाथी सिंह को उनके शुभचिंतकों ने उन्हें विवाह कर पत्नी को चुनाव लड़ाने की राय दी. हाथी सिंह को ये राय ठीक लगी. इसके बाद उन्होंने आनन-फानन एक युवती से बिहार की अदालत में कोर्ट मैरिज कर ली. इसके बाद उन्होंने बगैर मुहूर्त गांव के धर्मनाथ जी मंदिर में 26 मार्च को शादी कर ली.
स्नातक की पढ़ाई कर रही दुल्हन बनी प्रत्याशी
उनकी दुल्हन स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं और पंचायत चुनाव लड़ने को तैयार है. हाथी सिंह शादी करने के बाद हनीमून पर जाने की बजाए सीधे चुनावी प्रचार में जुट गए हैँ. 13 अप्रैल को बलिया में पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें हाथी सिंह अपनी पत्नी का नामांकन कराएंगे. वहीं गांव में हाथी सिंह और उनके समर्थक चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं.